आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हैल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू का दो दिवसीय राज्य सम्मेलन ऊना में शुरू

अक्स न्यूज लाइन ऊना 12 जुलाई :
आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हैल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू का हिमाचल प्रदेश का चौदहवां दो दिवसीय राज्य सम्मेलन ऊना में शुरू हुआ। सम्मेलन का ध्वजारोहण यूनियन की राज्याध्यक्षा नीलम जसवाल ने किया। सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रीय अध्यक्ष ऊषा रानी ने किया। सम्मेलन की रिपोर्ट राज्य महासचिव वीना शर्मा ने रखी। सम्मेलन को सीटू राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर ठाकुर ने संबोधित किया। सम्मेलन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, उपाध्यक्ष जगत राम, कोषाध्यक्ष अजय दुलटा, राजेश शर्मा, आशीष कुमार, जिला महासचिव गुरनाम सिंह, नरेश, अनुराधा, आशा, विजय शर्मा, पूर्व प्रधानाचार्य कुलवंत राय पाठक, किसान नेता के के राणा, युवा नेता एडवोकेट आकाश राणा, एडवोकेट अजय कुमार, रोहित कांडा, सुखपाल सिंह, सुजान सिंह, मजीद, ओमप्रकाश सिद्धू, चनन सिंह, रविन्द्र कुमार, पूनम, नरेश, सरीना, बिस्ला देवी आदि मौजूद रहे। सम्मेलन को संबोधित करते हुए ऊषा रानी एवं डॉ कश्मीर ठाकुर ने आंगनबाड़ी कर्मियों को 9 जुलाई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी यह हड़ताल आज तक की सबसे बड़ी हड़ताल रही है। हड़ताल के दिन जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर हुए प्रदर्शनों में दस हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी कर्मी शामिल हुए। इस दौरान प्रदेश के ज्यादातर आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहे। कई स्थानों पर जबरदस्त प्रदर्शन हुए। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा आईसीडीएस के निजीकरण व बजट कटौती की निंदा की। उन्होंने मोदी सरकार को आईसीडीएस विरोधी करार दिया। मोदी सरकार की आईसीडीएस विरोधी नीतियों के कारण आंगनबाड़ी वर्कर्स, हेल्पर्स व मिनी आंगनबाड़ी कर्मी बुरी तरह त्रस्त हैं।
उन्होंने मांग की है कि मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी का दर्जा दिया जाए व समान कार्य का समान वेतन दिया जाए। किसी भी मिनी आंगनबाड़ी केंद्र को बंद न किया जाए। सभी आंगनबाड़ी कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी की जाए व उन्हें रेगुलर किया जाए। उन्होंने प्रदेश सरकार से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ग्रेच्युटी लागू करने की मांग की है। उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट के निर्देशानुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रूप में नियमित करने की मांग की है। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी स्कूल का दर्जा देने, सुपरवाइजर नियुक्ति के लिए भारतवर्ष के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्विद्यालय की डिग्री को मान्य करने, वरिष्ठता के आधार पर मेट्रिक व ग्रेजुएशन किये कर्मियों की सुपरवाइजर में तुरन्त भर्ती करने, सरकारी कर्मचारी के दर्जे, हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन व वरिष्ठता लाभ देने, पंजाब की तर्ज़ पर मेडिकल सहित अन्य छुट्टियां देने, रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करने, वर्दी के लिए उचित आर्थिक सहायता देने, मोबाइल रिचार्ज व स्टेशनरी की सुविधा देने, पोषण ट्रेकर ऐप की दिक्कतों को दूर करने की मांग तथा नन्द घर बनाने की आड़ में आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करके निजीकरण की साज़िश तथा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, पोषण ट्रैकर ऐप व तीस प्रतिशत बजट कटौती के मुद्दे पर आंगनबाड़ी कर्मियों से संघर्ष तेज करने का आह्वान किया।
उन्होंने केंद्र सरकार को चेताया कि अगर आंगनबाड़ी वर्करज़ को नियमित कर्मचारी घोषित न किया गया तो आंदोलन और तेज़ होगा। उन्होंने कहा कि आईसीडीएस का निजीकरण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस से भविष्य में कर्मियों को रोज़गार से हाथ धोना पड़ेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से वर्ष 2013 में हुए पेंतालिसवें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित करने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएं। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए पेंशन,ग्रेच्युटी,मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा लागू करने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा आंगनबाड़ी वर्करज़ को दिया जाए क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं। इसकी एवज़ में उनका वेतन बढाया जाए व उन्हें नियमित किया जाए। चुनाव ड्यूटी लगाने पर इंसेंटिव दिया जाए। आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज के खाली पदों को तुरंत भरा जाए। आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज से अतिरिक्त काम का डबल भुगतान किया जाए।