मेडिकल कॉलेज में एमसीएच अस्पताल न बनने से गर्भवती महिलाओं नही मिल रही है बहेतर सुविधाऐं - सालों पहले स्वीकृ त 10 करोड़ के बजट से बनने वाला 40 बिस्तरों वाला अस्पताल खटाई में
- अब 85 करोड़ की लगात से प्रस्तावित 210 बिस्तरों वाला एमसीएच का एसटीमेट सरकार के पास अटका
अक्स न्यूज लाइन ..नाहन 8 मार्च 2023
बरसों से मेडिकल कॉलेज में सरकार द्वारा सुविधाओं के नाम पर करोड़ों का बजट खर्र्च करने के बावाजूद एमसीएच अस्पताल न बनने से गर्भवती महिलाओं भारी परेशानी का सामाना करना पड़ है कॉलेज में डिलीवरी व जच्चा बच्चा के इलाज के लिए बहेतर सुविधाऐं उपलब्ध नही है। 2018 में सरक ार ने 10 करोड़ के बजट से बनने वाले 50 बिस्तरों वाले अस्पताल खटाई जो अब खटाई में पड़ा है के लिए परिसर में जमीन चिंहित करके नेशनल हैल्थ मिशन के साथ एमओयू कर दिया था। सरकार ने भवन निर्माण सीपीडब्ल्यूडी के हवाले करके दस करोड रूपए भी जारी कर दिए। कॉलेज प्रबंधन द्वारा सरकार को दी गई रिपोर्ट में कहा गया कि
मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बीच 2018 में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इसके बाद वास्तु ड्राइंग को अंतिम रूप देने के लिए बैठक आयोजित की गई। ड्रॉइंग्स को प्रधानाचार्य द्वारा अनुमोदित किया गया था। हैरानी की बात यह है कि सालों फाइलों पर हुई माथापच्ची कि बाद अब चयनित स्थल पर प्रबंधन ने एमसीएच बनाने को लेकर हाथ खींच लिए है जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद प्रस्तावित भुमि पर खड़े पेडों का कटान हो चुका है। अब यहां क्रिटीकल कै यर सैंटर का निर्माण होना है। प्रस्तावित एमसीएच अब पुराने एमसीएच सैंटर की जमीन पर बनेगा। मिली जानकारी के अनुसार प्रबंधन द्वारा एमसीएच के मामले मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर आदि के संशोधन सीपीडब्ल्यूडी को नमांजूर हुए क्योंकि स्वीकृत राशि से एमसीएच भवन का निर्माण सीपीडब्ल्यूडी को क रना था।
कॉलेज में भविष्य की बढती जरूरतों के मध्यनजर आकस्मिकताओं सहित 22,14,263,00. रुपये के संशोधित एसटीमेट बनाए गए। प्रबंधन की रिपोर्ट के अनुसार 50 बिस्तरों वाला एमसीएच विंग इस संस्था को चलाने और रोगियों की आपात स्थितियों और जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा क्योंकि रोगियों की संख्या दिन-दिन बढ़ रही है। उधर सालों अब 85 करोड़ की लगात से प्रस्तावित 210 बिस्तरों वाला एमसीएच का एसटीमेट सरकार के पास अटका तथा इसके लिए कोई बजट अलॉट नही हुआ।
प्रति वर्ष 3000 हजार डिलीवरी
प्रबंधन के अनुसार प्रतिवर्ष 3000 डिलीवरी अस्पताल में हो रही है। यह आंकड़ा साल-दर-साल बढता जा रहा है। मेडिकल कॉलेज होने के नाते लगातार गर्भवती महिलाओं की ओपीडी में भी भारी इजाफा हो रहा है। ऐसे में जनहित और बेहतर रोगी देखभाल सेवाओं केलिए बिस्तरों की संख्या को 50 बिस्तरों से बढ़ाकर 210 बिस्तरों तक करने का निर्णय लिया गया। 210 बिस्तर वाले एमसीएच विंग का प्रस्ताव सीपीडब्ल्यूडी द्वारा प्रस्तुत किया गया है और इस मामले को डीएमईआरए शिमला और मिशन निदेशक एनएचएम, शिमला के अनुमोदन के लिए भेजा है।
- 85 करोड़ की लगात से प्रस्तावित 210 बिस्तरों वाला एमसीएच विंग का एसटीमेट अनुमोदन के भेजा जा चुका है। प्रस्तावित एमसीएच का निर्माण स्थल बदला गया है। पूर्व में 5 करोड़ का बजट अभी खर्च नही हुआ है।
- डा. श्याम कौशिक, प्रिंसिपल मेडि़कल कॉलेज नाहन