हिमाचल के लोगों का है आने वाला समयः मुख्यमंत्री
श्री सुक्खू ने पिछली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने वोट बैंक के लिए तुष्टीकरण की राजनीति की और प्रदेश के खजाने को खाली किया। भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान गुणात्मक शिक्षा की दिशा में कार्य नहीं किया गया और प्रदेश में समुचित स्टाफ की नियुक्तियों के बिना शैक्षणिक संस्थान खोले गए, जिसके फलस्वरूप हिमाचल देशभर में गुणात्मक शिक्षा में फिसलकर 21वें स्थान पर आ गया है। उनके कार्यकाल के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की दिशा में भी कार्य नहीं किए गए और जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर भारत के बाद हिमाचल प्रदेश में कैंसर रोगियों की दर सबसे अधिक है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में ठोस प्रयास कर रही है, जिसके परिणाम अब देखने को मिल रहे हैं। प्रदेश सरकार वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से 900 नर्सों और चिकित्सकों की नियुक्ति कर रही है और शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेसहारा बच्चों को सहारा देने के लिए प्रदेश सरकार ने छह हजार बेसहारा बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है। उनके लिए सुख आश्रय कोष की स्थापना की गई है, जिसमें 110 करोड़ रुपये का अंशदान प्राप्त हुआ है। राज्य सरकार विधवाओं के 23 हजार बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर रही है। प्रदेश सरकार ने हाल ही में नशे के कारोबारियों के विरूद्ध अभियान शुरू किया है। इसके अलावा, जिला सिरमौर के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के कोटला बड़ोग में राज्य स्तरीय नशा निवारण एवं पुनर्वास केन्द्र स्थापित किया जा रहा है। दिव्यांगजनों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से जिला सोलन के कंडाघाट में उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया जा रहा है।
प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों के बारे में सुक्खू ने कहा कि सतलुज जल विद्युत निगम 67 हजार करोड़ रुपये की कंपनी बन गई है, जबकि हिमाचल प्रदेश का वार्षिक बजट 58 हजार करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के संसाधनों को नष्ट नहीं होने दिया जाएगा। सतलुज जल विद्युत निगम प्रदेश सरकार की शर्तों की अनुपालना नहीं करता है तो इस स्थिति में राज्य सरकार तीनों परियोजनाओं का अधिग्रहण करेगी। प्रदेश सरकार शानन परियोजना भी पंजाब सरकार से वापिस लेगी।
दिव्य हिमाचल द्वारा आयोजित ‘हिमाचल की आवाज’ कार्यक्रम की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम प्रतिभा और लोक संस्कृति के संवर्द्धन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए समाचार-पत्र को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि इस पहल से कलाकारों और युवाओं को समाज के कल्याण के लिए काम करने की प्रेरणा मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल के वरिष्ठ वर्ग में जिला मंडी के सर्वज्ञ शर्मा विजेता, जिला कुल्लू उर्मिला सोनी फर्स्ट रनरअप और धर्मशाला की दिक्षा चौहान को सेकेंड रनरअप तथा कनिष्ठ वर्ग में जिला हमीरपुर की प्रकृति शर्मा विजेता, जिला कांगड़ा के ललित वालिया फर्स्ट रनरअप और जिला हमीरपुर की गरिमा डगवाल को सेकेंड रनरअप के पुरस्कार से नवाजा।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अजय ठाकुर को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी, डॉ. सुरेश जोशी को सर्वश्रेष्ठ पर्यावरण संरक्षक, कामधेनु संस्था को सर्वश्रेष्ठ एनजीओ, राजेन्द्र राजन को सर्वश्रेष्ठ कहानीकार, निधि शर्मा को सर्वश्रेष्ठ शैफ, अंकुश बरजातिया को सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमी, निधि डोगरा को सर्वश्रेष्ठ बाल योग साधक, इशांत भारद्वाज को सर्वश्रेष्ठ लोकगायक और विशाल शर्मा को सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता सहित अन्य गणमान्य को सम्मानित किया।
कृषि मंत्री चन्द्र कुमार, आयुष मंत्री यादविन्द्र गोमा, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आर.एस बाली, मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल, उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक मलेन्द्र राजन, पूर्व विधायक सुरेन्द्र काकू व अजय महाजन, कांग्रेस के नेता देवेन्द्र जग्गी व सुरेन्द्र मनकोटिया, कांगड़ा केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, जिला कांगड़ा कांग्रेस अध्यक्ष करण सिंह पठानिया, दिव्य हिमाचल सीएमडी भानु धमीजा, प्रधान संपादक अनिल सोनी, समाचार संपादक संजय अवस्थी, उपायुक्त हेमराज बैरवा और पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री इस अवसर पर उपस्थित थे।