चिट्टे का मामला: मुजरिम को 10 साल का कठोर कारावास, 1 लाख का जुर्माना किया, मंडी की अदालत ने दिये आदेश

अक्स न्यूज लाइन, मंडी 26 मार्च :
विशेष न्यायाधीश-1, मण्डी की अदालत ने एक अहम मामले में फ़ैसला सुनते हुए मुजरिम सुभाष चंद पुत्र सीता राम, निवासी धौंन कोठी, तहसील सदर, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश, को बड़ी मात्र में चिट्टा रखने के दोष मे 10 वर्ष के कठोर कारावास के साथ ₹1,00,000/- के जुर्माने की सजा सुनाई है । जुर्माना न देने पर दोषी को 3 वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा ।
जिला न्यायवादी मण्डी विनोद भारद्वाज ने बताया कि 17.12.2023 को विशेष अनवेक्षण इकाई (एस आई यू) मण्डी ने पुंघ (सुन्दरनगर) में नाका लगाया हुआ था और सभी आने जाने वाली छोटी बड़ी गाड़ियों को चेक किया जा रहा था । उसी समय सलापड़ की तरफ से मण्डी की तरफ एक निजी वॉल्वो बस एचo आरo 68 बी० 2908 आई, जिसे पुलिस द्वारा चेकिंग के लिए रोका गया । गाड़ी के रुकने पर चेकिंग के दौरान सभी सवारियों के सामान को चेक किया जा रहा था । जैसे ही पुलिस चेक करते हुए गाड़ी की सीट संख्या 37 के पास पहुंची तो उक्त सीट पर एक व्यक्ति बैठा हुआ था, जिसने अपनी गोद में एक पिट्ठू बैग पकड़ा हुआ था ।
पुलिस को अपने सामने देखकर घबरा गया और पुलिस टीम द्वारा पूछने पर कोई भी सनतोषजन उतर नहीं दे पाया । उक्त व्यक्ति के इस तरह के व्यवहार के कारण पुलिस को उस पर कुछ संदेह हुआ कि उक्त व्यक्ति के पास कोई अवैध वस्तु हो सकती है । इसी संदेह के आधार पर व्यक्ति से उसका नाम व पता पूछा गया ।
उनसे अपना नाम और पता सुभाष चंद, पुत्र सीता राम निवासी धौंन कोठी, तहसील सदर, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश बताया । उक्त व्यक्ति की गोद में रखे हुए बैग की तलाशी ली गई तो उसमें से उसका कुछ निजी सामान जैसे कि टोपी कुछ कपड़े और एक हैन्ड बैग मिला जिसके अंदर एक पलीथिन पाउच मिल जिसे खोलकर देखा गया तो उसमें बतीनुमा मटमैला पदार्थ प्राप्त हुआ था । उक्त पदार्थ को जाँचने पर वह पदार्थ हेरोइन पाया गया, जिसका कुल भार 258 ग्राम था ।
जिला न्यायवादी ने बताया कि मौके से जो चिट्टा बरामद किया गया था उसका भार 258 ग्राम था तथा बाद मैन जब “माल सूची कार्यवाही” (INVETORY PROCEEDING) की गई तो इसका भार 256 ग्राम पाया गया
जिला न्यायवादी ने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष ने न्यायालय के समक्ष 21 गवाह पेश किए । जिनकी गवाही को सही मानते हुए और दोनों पक्षों के तर्क-वितर्क को सुनने के पश्चात माननीय न्यायालय ने इस मामले में उक्त दोषी को नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस) की धारा 21 (b) के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास के साथ ₹1,00,000/- के जुर्माने की सजा सुनाई और यदि दोषी जुर्माना देने में असफल रहता है तो उसे 3 वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा ।