बुढ़ापे के लिए पर्याप्त पूंजी एकत्रित न करने वाले कर्मचारियों के लिए...... ओपीएस बहाली किसी संजीवनी से कम नही होगी

बुढ़ापे के लिए पर्याप्त पूंजी एकत्रित न करने वाले कर्मचारियों के लिए......  ओपीएस बहाली किसी संजीवनी से कम नही होगी

अक्स न्यूज लाइन ..नाहन 5 मार्च 2023
  बुढ़ापे के लिए पर्याप्त पूंजी एकत्रित न कर सकने वाले कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार द्वारा कि गईओपीएस बहाली किसी संजीवनी से कम नही होगी। मुख्यत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को जिनका सेवाकाल मुश्किल से 12=13 वर्ष का ही रहता है और जीवन भर कम वेतन के कारण अपने बुढ़ापे के लिए पर्याप्त पूंजी भी एकत्रित नहीं कर पाते हैं उनके लिए पुरानी पेंशन बहाली संजीवनी का कार्य करेगी बीते दिन राज्य केबिनेट द्वारा पुरानी पेंशन बहाल करते हुए 1 अप्रैल 2023 से सभी कर्मचारियों को जीपीएफ  में लाने के ऐतिहासिक निर्णय का   हिमाचल प्रदेश नई पेंशन योजना कर्मचारी संघ जिला  सिरमौर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सराहना करते हुए जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर  ने कहा कि सत्ताधारी दल ने चुनाव पूर्व कर्मचारियो से जो वादा किया था आज उसे निभा दिया है। परिणामस्वरुप लोगों का लोकतंत्र में विश्वास और अधिक मजबूत हुआ है।  
पिछले वर्ष इसी दिन हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों ने हजारों की संख्या में विधानसभा का घेराव था किया था जिसके उपरांत उनमें से लगभग 30 कर्मचारी नेताओं पर एफ आई आर दर्ज की गई। कर्मचारियों के तबादले दूरदराज के क्षेत्रों में किए गए परंतु नई पेंशन योजना संघ ने अपना संघर्ष राज्य अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर के नेतृत्व में जारी रखा। विपक्ष ने इस मुद्दे का पूर्ण दोहन किया तथा प्रियंका गांधी ने स्वयं  सोलन के पुराने जिलाधीश कार्यलय स्थल पर संघठन की क्रमिक भूख हड़ताल पर पहुंच कर पुरानी पेंशन बहाल करने का आश्वासन दिया। 
पुंडीर ने कहा कि जिसके बाद इस मसले को 10 गारंटियों में पहला स्थान मिला ओर 3 मार्च के दिन को पुन: ऐतिहासिक बनाते हुए सुक्खू सरकार ने प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को सैद्धांतिक रूप से लागू करने का निर्णय लिया। पुंडीर ने बताया कि इस योजना से लगभग डेढ लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे। साथ ही  12000 ऐसे परिवार भी है जो 2003 से 2023 के मध्य सेवानिवृत्त हुए हैं उन्हें भी विकल्प के माध्यम से पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय कर्मचारियों के लिए अपनी अपेक्षा एवं मांग से अधिक ही है क्योंकि इस निर्णय में ना केवल पुरानी पेंशन बहाल की गई। बल्कि उन साथियों को भी विकल्प दिया गया जिन्हे लगता था कि शायद नई पेंशन में उन्हें अधिक लाभ होगा अब सभी कर्मचारियों को अपनी इच्छा अनुसार पेंशन योजना अर्थात अपने बुढ़ापे को सुरक्षित करने का विकल्प मिल गया है। 
  प्रदेश में दोनों पेंशन योजनाओं का विकल्प देकर सभी कर्मचारियों के हितो को सुरक्षित रखने एवं उनकी इच्छा अनुसार पेंशन योजना को चुनने का अधिकार देकर राज्य ने अपना मॉडल प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि जल्द ही हिमाचल प्रदेश नई पेंशन योजना कर्मचारी संघ राज्य कार्यकारिणी के निर्णय के अनुसार धर्मशाला में आभार रैली का आयोजन करेगा जिसमें एक लाख कर्मचारी एवं उनके परिवार उपस्थित होंगे।