विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार के विरोध में किया धरना प्रदर्शन, शिक्षा की गुणवत्ता को सुधरे एवं युवाओं को स्थाई रोजगार दे सरकार।

विद्यार्थी परिषद  प्रदेश सरकार के विरोध में किया धरना प्रदर्शन, शिक्षा की गुणवत्ता को सुधरे एवं युवाओं को स्थाई रोजगार दे सरकार।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा पिंक पेटल पर प्रदेश सरकार एवं विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया! प्रदेश सरकार का तानाशाही रवैया हिमाचल प्रदेश के समस्त युवाओं को निराश और हताश कर देने वाला है! विद्यार्थी परिषद काफी लंबे समय से प्रदेश में गिर रही शिक्षा की गुणवत्ता और युवाओं को स्थाई रोजगार न देने वाली प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया! चाहे वह गेस्ट टीचर पॉलिसी हो चाहे वह प्रदेश में 20000 नौकरियां खत्म करने की बात हो। प्रदेश सरकार लगातार युवाओं को निराश कर रही है! 

इकाई उपाध्यक्ष इंश् डटवलिया ने बताया कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लंबे समय से स्थाई कुलपति ना होने के कारण विश्वविद्यालय को अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है लेकिन सरकार जो कुंभकर्णी नींद सोई हुई है वह अभी तक विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति की नियुक्ति नहीं कर पाई विद्यार्थी परिषद का इसका कड़ा विरोध करती है और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति की नियुक्ति की मांग करती है! 


स्थाई कुलपति ना होने के कारण विश्वविद्यालय की आर्थिक व्यवस्था चरमराई है जिसकी वजह से हम देखते हैं की हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में जो कि प्रदेश का सबसे पुराने विश्वविद्यालय है जिसमें 7 से 8000 तक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते हैं लेकिन विश्वविद्यालय के अंदर पहले 6 बसें चलाई जाती थी अब मात्र तीन बसें की विश्वविद्यालय में बची हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन जो छात्रों को नई बस की सुविधा    नहीं दे पा रहा है रहा है जिसकी वजह से आम छात्रों को भारी संख्या बसों के अंदर बसों मे जाने की समस्या आती है । विद्यार्थी परिषद यह मांग करती है की विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को नहीं बसों की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए! 

इंश डटवलिया ने बताया प्रदेश सरकार पहले ही अनेकों रोजगार प्रदेश के अंदर खत्म कर चुकी है और हम देखते हैं कि विधानसभा मैं हुई भर्तीओं पर जो आरोप लग रहे हैं वह चिंताजनक विषय है। विधानसभा जो एक संवैधानिक इंस्टीट्यूशन है और प्रदेश की युवाओं की नजर हमेशा इस संवैधानिक इंस्टीट्यूशन पर रहती है क्योंकि उन्हें लगता है की सरकार द्वारा जनकल्याण के लिए अनेक पॉलिसी और रोजगार के अवसर निकाले जाएंगे। लेकिन दूसरी तरफ संवैधानिक इंस्टीट्यूशन पर ऐसे आरोप आज के युवाओं को हताश कर देते हैं! विद्यार्थी परिषद यह मांग करती है कि इन आरोपों की न्यायिक जांच की जाए ताकि प्रदेश के अंदर चरमराई व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए!