डबल इंजन सरकार की माला जपने वाली भाजपा ने हिमाचल की वित्तीय स्थिति को तबाह किया... नरेश चौहान
अक़्स न्यूज लाइन,शिमला --02 फरवरी
मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने कहा कि प्रदेश हित एवं यहां के लोगों के प्रति भाजपा के भेदभावपूर्ण एवं दोहरे रवैये को लोगों के समक्ष उजागर करने के लिए राज्य सरकार और पार्टी संगठन एकजुट कार्य कर रहा है। विशेषतौर पर प्राकृतिक आपदा के दौरान भाजपा व केंद्र सरकार के उदासीन रवैये से प्रदेश को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
आज यहां मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आगामी आम चुनावों में कांग्रेस पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस संगठन और सरकार एकजुटता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को देश में सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दी गई है और एक बड़े परिवार के बीच छिट-पुट बातें होती रहती हैं। हिमाचल में मौजूदा कांग्रेस सरकार पार्टी कार्यकर्ताओं की क्षमता से भली-भांति परिचित है और उन्हें उचित सम्मान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के किसी भी व्यक्ति को पार्टी के मामलों में अफवाहें फैलाने का अधिकार नहीं है।
एक सवाल के जवाब में श्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक विधायक के पास अपने सुझाव मुख्यमंत्री को लिखित रूप में देने का विकल्प है। इसमें गलत क्या है? प्राप्त सुझावों का हमेशा स्वागत है और उन पर चरणबद्ध तरीके से काम किया जाएगा। यहां तक कि कुछ विधायकों ने अपनी प्राथमिकताएं लिखकर मुख्यमंत्री को भेज दी हैं, तो फिर कुछ लोगों द्वारा इस पर हंगामा क्यों मचाया जा रहा है। विपक्ष बात का बतंगड़ बना रहा है। चौहान ने कहा कि शायद नेता प्रतिपक्ष श्री जय राम ठाकुर पर इस तरह के बयान जारी करने के लिए दबाव डाला जाता है और वह विपक्ष के नेता के रूप में केवल अपनी भूमिका का निर्वहन मात्र कर रहे हैं, जो उनका दायित्व भी है।
उन्होंने कहा कि केवल आलोचना के लिए आलोचना करने से राज्य व यहां की जनता का भला नहीं होने वाला और आपदा के दौरान भाजपा नेताओं की निष्क्रिय व उदासीन भूमिका को जनता अच्छी तरह से समझ रही है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हमारी सरकार पंक्ति में अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए काम कर रही है और युवाओं तथा कृषि प्रधान समाज के लिए स्वरोजगार के पर्याप्त अवसरों के साथ-साथ हिमाचल को आत्मनिर्भर व देश का समृद्धतम राज्य बनाने के लिए संसाधन सृजन पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। हम ‘सरकार गांव के द्वार’ के माध्यम से जन-जन तक पहुंच रहे हैं, और वह भी बिना किसी खर्च के, जबकि भाजपा शासन के दौरान जनमंच पर करोड़ों रुपये की फिजूलखर्ची की गई।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है। कांग्रेस सरकार ने अपनी चुनावी गारंटी को पूरा करते हुए 1.36 लाख कर्मचारियों को ओपीएस प्रदान किया। यह भाजपा ही थी जिसने कर्मचारियों के वैध अधिकारों से आंखें मूंद लीं और उन्हें पांच साल तक लालच देती रही, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। स्टार्ट-अप की गारंटी पूरी करते हुए युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के दृष्टिगत 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना आरम्भ की गई। हमने ग्रीन बजट प्रस्तुत किया ताकि हिमालयी वनस्पतियों और जीवों को और अधिक संरक्षित किया जा सके। हमारी सरकार ने उन लोगों को राहत देने के लिए राजस्व लोक अदालतें शुरू कीं, जिनके मामले राजस्व अदालतों में वर्षों से लंबित थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने शासनकाल के पहले वर्ष में ही दस में से तीन गारंटियां पूरी कीं, और ऐसे में आखिर विपक्ष क्या जानना चाहता है। शेष गारंटियों पर भी चरणबद्ध तरीके से काम किया जाएगा।
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार की माला जपने वाली भाजपा ने हिमाचल की वित्तीय स्थिति को तहस-नहस कर दिया। पूर्व की जय राम सरकार अंधाधुंध ऋण लेने और राज्य के वित्तीय कुप्रबंधन के लिए याद की जाने वाली सरकार रही। 75 हजार करोड़ के ऋण के अलावा 11 हजार करोड़ की देनदारी सरकारी कर्मचारियों की थी। उन्होंने जय राम ठाकुर जी से सवाल किया कि वे अपने पांच साल के शासन में केंद्र से हिमाचल के लिए कौन सा विशेष पैकेज लेकर आये? इन्वेस्टर मीट के नाम पर करोड़ों उड़ाने वाली भाजपा अपने डबल इंजन से राज्य के लिए कोई औद्योगिक पैकेज क्यों नहीं ला पाई। उन्होंने कहा कि हाल ही में बरसात से हुई भारी तबाही के बाद राज्य ने केंद्र को 10,000 करोड़ रुपये के नुकसान की रिपोर्ट सौंपी।
इसके बावजूद विशेष वित्तीय पैकेज की प्रदेशवासियों की उम्मीद धरी ही रही और अब केंद्र के अंतरिम बजट ने भी राज्य के लोगों को निराश ही किया है। हिमाचल में पर्यटन या उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इसमें कुछ भी नहीं था। कर ढांचे में कोई छूट नहीं मिलने से मध्यम वर्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ। ऐसे में लोकसभा चुनाव में बीजेपी किस आधार पर वोट मांगने लोगों के पास जाएगी, यह प्रदेश के भाजपाई भी जानते हैं और बेतुकी बयानबाजी कर लोगों को भ्रमित करने का ही काम कर रहे हैं।