जय हिंद बोलने पर एमएस ने आईजीएमसी में लगाया प्रतिबंध, सुरक्षाकर्मियों ने हड़ताल की दी चेतावनी

जय हिंद बोलने पर एमएस ने आईजीएमसी में  लगाया प्रतिबंध, सुरक्षाकर्मियों ने हड़ताल की दी चेतावनी
शिमला, 7 फरवरी (अक्स न्यूज लाइन):- प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में सुरक्षाकर्मी के जय हिंद बोलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अस्पताल के एमएस राहुल राव ने सुरक्षाकर्मियों को जय हिंद ना बोलने की हिदायत दी है। जिस पर सुरक्षाकर्मी भड़क गए हैं और हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। साथ ही सुरक्षाकर्मियों ने एमएस पर तानाशाही तरीके से काम करने के आरोप लगाए। सुरक्षाकर्मी यूनियन के महामंत्री प्रवीण शर्मा ने कहा कि आईजीएमसी के एमएस राहुल राव ने सभी सुरक्षाकर्मियों को उन्हें जय हिंद ना कहने पर प्रतिबंध लगा दिया है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है देश में कहीं भी जय हिंद बोलने पर प्रतिबंध नहीं है लेकिन igmc के एम एस यहां पर तानाशाही रवैया अपनाते हुए सुरक्षाकर्मियों के साथ भेदभाव कर रहे हैं और उन्हें परेशान करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एमएस ने सुरक्षाकर्मियों को जय हिंद ना बोलने की फरमान जारी किया है और यदि कोई सुरक्षा कर्मी उन्हें जय हिंद बोलता है तो उसे नौकरी से हटाने का फरमान धमकी भी दी है। उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मी इस तरह की तानाशाही रवैया को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। यदि इस तरह के फैसले वापस नहीं लिए गए तो वह हड़ताल पर जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। इसके अलावा आईजीएमसी अस्पताल में केवल सुरक्षाकर्मियों के लिए ही मशीन पर हाजरी लगाने की व्यवस्था कर दिया जबकि अन्य स्टाफ अधिकारियों के लिए इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि अस्पताल के एमएस तानाशाह तरीके से काम कर रहे हैं और सुरक्षाकर्मियों को परेशान किया जा रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वही आईजीएमसी के एमएस डॉ राहुल राव ने इस तरह के किसी भी आदेश अस्पताल प्रशासन की ओर से जारी करने पर इनकार किया। उन्होंने कहा कि जय हिंद बोलने पर किसी भी तरह का प्रतिबंध अस्पताल प्रशासन ने नहीं लगाया है। बल्कि सुरक्षा कर्मियों को कहा गया है कि वह अस्पताल में व्यवस्था देखें ना कि अधिकारियों के आगे पीछे घूमे । ये गलत संदेश दिया जा रहा है कि जय हिंद बोलने पर प्रतिबंध लगाया गया है।इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी विभागों को बायोमेट्रिक मशीनों से हाजिरी लगाने के निर्देश हुए हैं उसी के तहत आईजीएमसी अस्पताल में भी यह व्यवस्था की गई है।