हिमाचल में कांग्रेस के विधायकों को क्यों दी गई है जेड प्लस से बड़ी सिक्योरिटी... शिवरात्रि के मेले में राजनीतिक बयानबाजी करने से साफ़ दिख रही है मुख्यमंत्री की बौखलाहट : जयराम ठाकुर
अक़्स न्यूज लाइन, मंडी -10 मार्च
सुंदरनगर : नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुंदरनगर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि शिवरात्रि के मेले में मुख्यमंत्री द्वारा बयानबाजी अत्यंत दुखद है। उनकी बयानबाजी से उनकी बौखलाहट स्पष्ट देखी जा सकती है।उन्होंने कहा कि वह अपनी पार्टी के ही विधायकों पर सवाल उठा रहे हैं जबकि सभी विधायक स्वयं कह रहे हैं कि वह अपनी मर्ज़ी से जहाँ भी जाना है जा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने विधायकों से सवाल करने की बजाय ख़ुद से सवाल करना चाहिए कि यह हाल आख़िर कैसे हुआ। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस के विधायक जो शिमला में है उन्हें देखकर लगता है कि वे जेड प्लस से ये भी बढ़ी सुरक्षा में हैं। विधायकों के आगे पायलट और पीछे एस्कॉर्ट चल रही है। रात में भी पुलिस विधायकों के घर में झांककर देखती है कि वे घर में है कि नहीं। आज कांग्रेस के विधायकों का यह हाल है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंडी के अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का उद्घाटन हमेशा से मुख्यमंत्री द्वारा ही किया जाता रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा शिवरात्रि के मंच से की गई राजनैतिक बयानबाजी पूर्णतया दुर्भाग्यपूर्ण है। उनके बयानों से उनकी हताशा स्पष्ट देखी जा सकती है। वह अपनी पार्टी के विधायकों पर सवाल उठा रहे हैं। जबकि यह सवाल उन्हें स्वयं से करना चाहिए की पूर्ण बहुमत की सरकार के यह हाल है कैसे और क्यों हुए। सरकार की इस हालत का ज़िम्मेदार कौन है। उन्होंने कहा कि सरकार अपना बहुमत खो चुकी है और उसे सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। बजट सत्र के दौरान पूरे देश ने देखा कि किस प्रकार कांग्रेस ने लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोटकर अपनी सरकार जैसे-तैसे बचायी है। अगर भाजपा के 15 विधायकों को ग़लत तरीक़े से निष्कासित नहीं किया जाता तो कांग्रेस की सरकार बजट सेशन में गिर गई थी।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री एक बार फिर से प्रदेश की माताओं बहनों के साथ धोखा करने का प्रयास कर रहे हैं। बिना बजट प्रावधान के ही महिला सम्मान निधि की घोषणा की जा रही है। इस सम्मान निधि के न तो नियम स्पष्ट है और न ही लाभार्थियों की संख्या। मुख्यमंत्री द्वारा जो भी आंकड़े बताए जा रहे हैं वह बेसिर-पैर के हैं। इसी से यह स्पष्ट है कि सम्मान निधि कांग्रेस का एक चुनावी शिगूफा है जिसे वह एक बार विधानसभा आम चुनावों में इस्तेमाल कर चुकी है। हिमाचल के लोग कांग्रेस की इस चाल को अब बख़ूबी समझ चुके हैं और इस बार के लोक सभा चुनाव में जवाब देने के लिए तैयार बैठे हैं।