शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े के खिलाफ एस एफ आई विश्वविद्यालय इकाई का धरना
शिमला : एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई व एसएफ आई शिमला द्वारा शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े के खिलाफ तथा महाविद्यालयों में हिंसा करने वालों के खिलाफ डीसी ऑफिस शिमला के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया। संबोधित करते हुए एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अध्यक्ष कॉमरेड रोकी ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन व सरकार लगातार शिक्षा का भगवाकरण करने की कोशिश कर रहा है। कॉमरेड रॉकी ने बताया कि 13000 पन्नों वाली आरटीआई के माध्यम से पता चला है कि विश्वविद्यालय में भर्ती हुए शिक्षकों में से 70 प्रतिशत लोग अयोग्य होने के सबूत मिले है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने बड़े स्तर पर भर्तियों में फर्जीवाड़ा किया गया है। रॉकी ने बताया कि विश्वविद्यालय ने यूजीसी की गाइडलाइंस को दरकिनार करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने चहेतों को फर्जी तरीके से भर्ती किया है। एक तरफ जहां हिमाचल प्रदेश का युवा लगातार बेरोजगारी से जूझ रहा है। प्रदेश में वर्तमान समय में लगभग आठ लाख युवा बेरोजगार हैं जो रोजगार पाने की योग्यता भी रखते हैं लेकिन प्रदेश की सरकार इसके विपरीत अपने भगवाकरण के एजेंडे के साथ भर्तियों में फर्जीवाड़ा करके अपने चहेतों को भर्ती करने में लगी हुई है।
कॉमरेड कुलदीप ने बताया कि आरटीआई के माध्यम से पता चला है के अधिकतर भर्ती हुए लोगों की पीएचडी डिग्री वैध नहीं है। भर्ती किए हुए लोगों ने फर्जी अनुभव के दस्तावेज दिए है जिसकी जांच की जानी चाहिए।
कॉमरेड रॉकी ने बताया कि एसएफआई द्वारा इस शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े का पूरे प्रदेश में अलग अलग संस्थानों में विरोध कर रहा है और इसकी न्यायिक जांच करने की मांग कर रहे है। जोकि प्रदेश की भाजपा सरकार व उसके पिछलगु संगठन को रास न आ रहा है जिसके चलते विभिन महाविद्यालयों में एसएफआई के कार्यकर्ताओं पर हमला करके हिंसा कर रहे है। हिंसा का सहारा लेकर वो इस प्रदेश के सबसे बड़े शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे है। लेकिन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया इनके मंसूबों को कभी पूरा होने नही देगा। एसएफआई शिक्षा के भगवाकरण के खिलाफ है और इस तरह की फर्जी भर्ती द्वारा संघ के चहेतों को विश्वविद्यालय में भर्ती को एसएफआई द्वारा कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और छात्र समुदाय को इक्कठा करते हुए पूरे प्रदेश में उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। रॉकी ने बताया कि शिक्षक भर्ती में फर्जी लोगों को भर्ती करने के साथ साथ आरक्षण रोस्टर में भी छेड़छाड़ की जा रही है। अपने चहेतों को प्रोफेसर बनाने के लिए एक विभाग से सीट को उठा कर दूसरे विभाग में ट्रांसफर किया जा रहा है। जिसका एस एफ आई कड़े शब्दों में विरोध करती है।
एसएफआई शिमला जिला अध्यक्ष कॉमरेड अनिल ने कहा कि एसएफआई हमेशा छात्र हित के लिए संघर्ष करती रहेगी। आरएसएस और भाजपा की गुंडागर्दी के खिलाफ हम हमेशा खड़े रहेंगे और आने वाले विधान सभा चुनाव में इसका करारा जवाब इनको दिया जायेगा।
धरने का समापन करते एसएफआई शिमला शहरी इकाई सचिव कॉमरेड नेहा ने बताया कि एसएफआई लगातार महविद्यालयों के अंदर छात्र मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रही है। छात्र ज्यादा से ज्यादा संख्या में एसएफआई से जुड़ रहे है। क्योंकि वर्तमान भाजपा सरकार लगातार शिक्षा के स्तर को गिराने का काम कर रही है जिसका ताजा उदाहरण विश्वविद्यालय शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा है। जिसको लेकर एसएफआई हर कैंपस में इसकी न्यायिक जांच करने की मांग के लिए विरोध प्रदर्शन कर रही है। प्रशासन तथा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यह धरना मात्र टोकन धरना है। अगर जल्द से जल्द इस धांधली की न्यायिक जांच नहीं की गई तो एसएफआई पूरे प्रदेश के तमाम छात्र समुदाय को एकजुट करते हुए उग्र आंदोलन करेगी जिसके परिणाम की सारी जिम्मेदारी सरकार तथा विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।