विशेष इंतकाल राजस्व अदालतों के माध्यम से 65 हजार लोग हुए लाभांवित : बाली
अक्स न्यूज लाइन धर्मशाला, नगरोटा 22 जनवरी :
पर्यटन निगम के अध्यक्ष कैबिनेट रैंक आरएस बाली ने कहा कि ने कहा कि लोगों को राजस्व संबंधी कार्यों के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे जिससे आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि आम लोगों की समस्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने विशेष इंतकाल राजस्व लोक अदालतों का आयोजन शुरू किया। जिसके तहत अब लोगों के राजस्व सम्बंधित कार्य तय समय के अंदर हल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन राजस्व लोक अदालतों के जरिए अब तक 65 हजार से अधिक इंतकाल के मामलों का निपटारा किया जा चुका है।
सोमवार को पर्यटन निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने नगरोटा विधानसभा क्षेत्र के चाहडी,मुहालकड, लाखामंडल,पंचायत में विकास कार्यों का जायजा लिया तथा लोगों की समस्याएं सुनने के उपरांत कहा कि प्रदेश सरकार कई जनहितैषी योजनाएं लागू कर समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक अपनी पहुंच सुनिश्चित कर रही है ताकि पात्र लोगों तक प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अनाथ, विशेष रूप से सक्षम बच्चों, निराश्रित महिलाओं और वृद्धजनों को व्यापक सहायता के दृष्टिगत मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की शुरूआत की है और इस योजना के अंतर्गत पात्र लोग लाभान्वित होने शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश अनाथ बच्चों एवं अन्य वंचित वर्गों की मदद के लिए कानून बनाकर यह योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है ।
उन्होंने कहा कि गरीब व वंचित लोगों की सेवा ही उनका कर्म है तथा इसी दिशा में पंचायत संवाद पंचायत मिलन कार्यक्रम आरंभ किया गया है ताकि सभी लोगों की समस्याएं उनके घर द्वार पर सुनीं जा सकें।
उन्होंने कहा कि गांवों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार कृषि के ढांचे में व्यपक बदलाव कर रही है। उन्होनें कहा कि हिम उन्नति योजना के तहत ब्लॉक स्तर पर 250-300 किसान चिन्हित किए जाएंगे जिनके पास 30-40 बीघा जमीन और दुधारू पशु होने चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे किसानों की जमीन और खेती की सूक्ष्म स्तर पर स्टडी की जाएगी तथा उन्हें वहां की परिस्थितियों व वातावरण में खेती करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान कर क्लस्टर आधारित खेती शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों से खाद के रूप में गोबर की खरीद भी करने जा रही है। उन्होंने बताया कि इस जैविक खाद को कृषि व बागवानी विभाग के फार्मों में इस्तेमाल करने के अलावा खुले बाजार में भी बिक्री की जाएगी।