शिक्षण संस्थानों में कराई जाएंगी सुरक्षित निर्माण मॉडल प्रतियोगिताएं
उपायुक्त ने बताया कि ब्लॉक स्तर पर चयनित मॉडल जिला स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे, जहां डीसी ऊना की अध्यक्षता में बनी कमेटी जिला स्तर पर सर्वश्रेष्ठ मॉडल का चयन करेगी। प्रत्येक श्रेणी के सर्वश्रेष्ठ मॉडल को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए भेजा जाएगा, और अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस 2024 के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में इन मॉडलों को प्रदर्शित और पुरस्कृत किया जाएगा।
सामुदायिक जागरूकता और भागीदारी पर बल
उपायुक्त ने आपदा जोखिम को कम करने के लिए सुरक्षित निर्माण प्रथाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने सामुदायिक जागरूकता और भागीदारी के महत्व को रेखांकित किया और जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन कार्यक्रमों के आयोजन की आवश्यकता पर बल दिया।
इसके अलावा, उन्होंने तकनीकी शिक्षा विभाग को पॉलिटेक्निक कॉलेजों और सीमेंट कंपनियों के साथ मिलकर सुरक्षित ढांचा निर्माण प्रथाओं के प्रति व्यापक जन जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए। ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुरक्षित निर्माण प्रथाओं को प्रोत्साहित करने के लिए 2 अक्टूबर को ग्राम सभा बैठकों के दौरान जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। प्रत्येक पंचायत में ग्राम आपदा प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें आपदा मित्र और युवा स्वयंसेवकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा ब्लॉक और जिला स्तर पर जूनियर इंजीनियरों और तकनीकी सहायकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इन कार्यशालाओं में मास्टर ट्रेनर्स द्वारा आपदा-प्रतिरोधी निर्माण मानकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उपायुक्त ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से स्कूल सुरक्षा ऐप की प्रगति की समीक्षा की और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी स्कूल अपनी आपदा प्रबंधन योजनाओं को समय पर ऐप पर अपलोड करें।
बैठक में जिला पंचायत अधिकारी नीलम कटोच, डीआरडीए की परियोजना अधिकारी शैफाली शर्मा, सभी विकास खंड अधिकारी और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की समन्वयक सुमन चहल समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।