उपायुक्त की अध्यक्षता में माइक्रो ऑब्जर्वर के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित
मनमोहन शर्मा ने कहा कि माइक्रो ऑब्जर्वर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन प्रक्रिया सम्पन्न करने में भारत निर्वाचन आयोग की ओर से तैनात सामान्य पर्यवेक्षक (जनरल ऑब्जर्वर) के सहायक के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि ज़िला में पांचों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में चिन्हित क्रिटिकल मतदान केन्द्रों में माइक्रो ऑब्जर्वर की तैनाती की जाती है। यह सभी सामान्य ऑब्जर्वर के दिशा-निर्देशन में कार्य करते हैं। उन्होंने सभी उपस्थित प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे चुनाव प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न पहलुओं और भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों को अच्छे से आत्मसात कर लें तथा पूरी निष्ठा के साथ अपने कार्यों का निर्वहन करें।
कार्यशाला में माइक्रो ऑब्जर्वर की भूमिका पर विस्तार से प्रस्तुति एवं प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उनके द्वारा मतदान दिवस पर मॉक पोल, राजनीतिक दलों व उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंट, मतदान केन्द्रों में न्यूनतम आवश्यक सुविधा, प्रवेश प्रणाली, मतदान केन्द्रों में अनाधिकृत व्यक्तियों की उपस्थिति, मतदाता के पहचान पत्रों की समुचित जांच व अंगुली पर स्याही का अंकन, मतदान कक्ष में पर्याप्त रोशनी एवं मत की गोपनियता सहित मतदान प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर नज़र रखी जाएगी। मतदान सम्पन्न होने के उपरांत वह निर्धारित प्रपत्र पर अपनी रिपोर्ट सामान्य पर्यवेक्षक को प्रेषित करेंगे।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त अजय कुमार यादव ने सभी माइक्रो ऑब्जर्वर से आग्रह किया कि वह अपने कर्तव्यों एवं भूमिका के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त कर लें। उन्होंने आग्रह किया कि सभी माइक्रो ऑब्जर्वर अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से निर्वहन करें।
कार्यशाला में तहसीलदार निर्वाचन ऊषा चौहान ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। नायब तहसीलदार निर्वाचन दीवान सिंह ठाकुर ने माइक्रो ऑब्जर्वर के कार्यों पर विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया। खुले सत्र में प्रशिक्षुओं की ओर से प्रस्तुत शंकाओं एवं सवालों का भी समाधान किया गया।