अक्स न्यूज लाइन शिमला 14 जून :
प्रदेश में सामान्य जल में 16 जून से 15 अगस्त 2024 तक मछली पकड़ने पर पूर्णतया या प्रतिबंध रहेगा यह जानकारी निदेशक एवं प्रारक्षी मत्स्य हिमाचल प्रदेश विवेक चन्देल ने दी।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश मत्स्यपालन विभाग का दायित्व है कि उपरोक्त सभी मछुआरा परिवारों को निरन्तर रूप से आजीविका हेतु मछली मिलती रहे तथा लोगों को प्रोटीन युक्त प्राणी आहार प्रदान किया जा सके। इसी उददेष्य के दृष्टिगत प्रत्येक वर्ष मत्स्यापलन विभाग सामान्य जल व जलाशयों में 02 माह के लिए मछली पकड़ने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाता है जिससे प्राकृतिक रूप से प्रजनन करने वाली मछलियों की विभिन्न प्रजातियां सफलतापूर्वक प्रजनन कर सकें व प्राकृतिक रूप से विभिन्न जल क्षेत्रों में मछलियों की उपयुक्त संख्या बनी रहे। इस बन्द सीजन का कार्यान्वयन हि०प्र० मात्स्यिकी अधिनियम, 1976 व हि०प्र० मात्स्यिकी नियम, 2020 के अन्तर्गत किया जाता है।
इस बन्द अवधि के दौरान सामान्य जल स्रोतों में किसी भी प्रकार के मत्स्य आखेट एंव पूर्ण राज्य में सामान्य जल की मत्स्य प्रजातियों की मत्स्य बिकी एंव आयात पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। विभाग के द्वारा इस बन्द सीजन को प्रभावी बनाने के लिए व्यापक प्रबन्ध किए गए हैं जिसके अन्तर्गत विभाग ने प्रदेश के मुख्य जलाशयों के विभिन्न मण्डलों में अवैध शिकार को रोकने हेतु विभिन्न निरीक्षण टीमों का गठन किया है तथा उड़न दस्ते सडक मार्ग से निरन्तर गश्त करेंगें जिससे किसी भी प्रकार के अवैध मत्स्य आखेट पर रोक लगाई जा सके।
इस अवधी के दौरान यदि कोई मछली पकड़ता पाया जाता है तो नियमों के अनुसार छह माह तक की कैद तथा 300 रूपये से 1000 रूपये तक जुर्माना राशि अथवा दोनों का प्रावधान है। किसी भी नागरिक के द्वारा नियमों की अवहेलना करने पर, हि०प्र० मात्स्यिकी अधिनियम 1976 व हि०प्र० मात्स्यिकी नियम 2020 के अनुरूप सख्त कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के 05 जलाशयों गोबिन्द सागर, पौंग डैम, चमेरा, कोल डैम व रणजीत सागर में 5000 से अधिक मछुआरे नियमित रूप से मछली पकड़ने का कार्य कर रहे है तथा इन जलाशयों का कुल क्षेत्रफल 43785 हेक्टेयर है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में विभिन्न मुख्य नदियों व उनकी सहायक नदियों में 6000 से अधिक मछुआरे मछली पकड़ने का कार्य करते हैं।