नई सरकार के आने से पहले राज्य वित्त विभाग ने 1000 करोड़ और लोन लेने का किया फैसला जानिए.....

नई सरकार के आने से पहले राज्य वित्त विभाग ने 1000 करोड़ और लोन लेने का किया फैसला जानिए.....

नई सरकार के आने से पहले राज्य के वित्त विभाग ने 1000 करोड़ और लोन लेने का फैसला किया है। यह फैसला सरकारी राजकोष की एमर्जेंसी को देखते हुए करना पड़ा है। यानी आठ दिसंबर को मतगणना के बाद जब नई सरकार आएगी, तो नई सरकार के साथ ही सरकार के खाते में हजार करोड़ लोन और आ जाएगा। 
केंद्र सरकार से मिली अनुमति के मुताबिक 31 दिसंबर तक 2700 करोड़ की लोन लिमिट अभी बाकी थी। इसमें से 1000 करोड़ अगले हफ्ते लोन लिया जा रहा है। इसके बाद 1700 करोड़ लिमिट अभी और बची है। इस साल अब तक राज्य सरकार 8000 करोड़ लोन ले चुकी है। 
भारत सरकार ने जनवरी से मार्च की अंतिम तिमाही के लिए लोन की राशि की मंजूरी अलग से देने को भी कहा है। इन तीन महीनों के लिए 2000 करोड़ के आसपास और लोन लिमिट मिल सकती है। इस हिसाब से देखा जाए, तो इस वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा ऋण का भार राजकोष पर पड़ेगा। 
इसकी एक सबसे बड़ी वजह नए वेतन आयोग का भुगतान है। अब वित्त विभाग को लग रहा है कि नई सरकार के आने के बाद पहली कैबिनेट में कुछ लोकलुभावन फैसले हो सकते हैं और कर्मचारियों को वेतन आयोग एरियर के अलावा महंगाई भत्ते की भी दो किस्तें देना अभी बाकी है। इसलिए संभव है कि खाते में पैसे इकठे किए जा रहे हैं। 
बढ़ते लोन का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अब लोन री-पेमेंट और लोन का ब्याज राज्य में विकास के लिए मौजूद बजट को हर साल खाता जाएगा। वित्त विभाग ने 1000 करोड़ लोन लेने के लिए बिड जारी कर दी है और ओपन मार्केट से यह लोन लिया जा रहा है।