21 अगस्त को 19 वर्ष तक के बच्चों को खिलाई जाएगी एल्बेंडाजोल दवाः राहुल कुमार

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर 21 अगस्त को यह दवा खिलाई जाएगी तथा छूटे हुए बच्चों के लिए 28 अगस्त को माॅप राउंड किया जाएगा। उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को जिला में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, सीमेंट उद्योगों, एनटीपीसी सहित अन्य निर्माण कार्यों में कार्यरत कामगारों के बच्चों को भी एल्बेंडाजोल की दवा खिलाने के भी निर्देश दिए ताकि यह दवा लेने से कोई भी बच्चा छूट न पाए। इस दौरान उन्होंने शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग की सक्रिय भागीदारी के साथ-साथ गैर सरकारी संस्थाओं से भी अपना संपूर्ण सहयोग प्रदान करने का आह्वान किया है ताकि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के लक्ष्यों व उद्देश्यों की पूर्ति सुनिश्चित हो सके।
राहुल कुमार ने कहा कि जिला में एक से पांच वर्ष आयु वर्ग के 23 हजार तथा एक से 19 वर्ष आयु वर्ग में कुल 99 हजार बच्चों को यह दवा पिलाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने को भी कहा ताकि कोई भी बच्चा एल्बेंडाजोल दवा लेने से न छूट पाए। उन्होंने बताया कि एक से दो वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को 2 मिली लीटर विटामिन ए सिरप के साथ आधी टेबलेट दी जाएगी जबकि दो से पांच वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को 2 मिली लीटर विटामिन ए सिरप के साथ पूरी टेबलेट खिलाई जाएगी। इसके अतिरिक्त अन्य सभी 6 से 19 वर्ष तक के बच्चों को पूरी टेबलेट खिलाई जाएगी। उन्होंनें इस दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्धारित संचालन मानक प्रक्रिया (एसओपी) का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित बनाने के भी निर्देश दिए।
उन्होने कहा कि बच्चों के पेट में कृमि संक्रमण के कारण जहां शरीर और दिमाग के सम्पूर्ण विकास में बाधा आती है तो वहीं कुपोषण और खून की कमी (एनीमिया) की बीमारी भी हो जाती है। उन्होने बताया कि पेट के कीडे मारने के लिए कृमि नियंत्रण की दवा (एल्बेंडाजोल) लेने से जहां शरीर में पोषण का स्तर बेहतर होता है तो वहीं खून की कमी में सुधार के साथ-साथ बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मद्द मिलती है। इसके अतिरिक्त न केवल बच्चे की कार्य क्षमता में सुधार आता है बल्कि वातावरण में कृमि की संख्या कम होने से इसका लाभ समुदाय के अन्य सदस्यों को भी मिलता है।
उपायुक्त ने राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (डेंगू व मलेरिया), जल जनित रोग, नियमित टीकाकरण एवं खसरा-रूबेला उन्मूलन अभियान की भी समीक्षा की तथा विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. शशी दत शर्मा ने बताया कि जिला के विभिन्न सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ आंगनवाडी केन्द्रों में एक वर्ष से लेकर 19 वर्ष तक के बच्चों व युवाओं को यह दवाई संस्थान के अध्यापकों, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग व निगरानी में खिलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि पांच वर्ष तक के बच्चों को यह दवा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से जबकि शिक्षण संस्थानों में संबंधित संस्थान के अध्यापकों की देखरेख में खिलाई गई है। उन्होने बताया कि जो बच्चे स्कूलों से बाहर होंगे उन्हे आशा वर्कर्ज के माध्यम से यह दवा खिलाई गई है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. परविंदर सिंह ने बैठक का संचालन किया तथा विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। इस अवसर अतिरिक्त उपायुक्त ओम कांत ठाकुर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।