नाहन: हरीपुर मस्जिद कमेटी ने किया अंजुमन अध्यक्ष पर पलटवार खुले मंच पर दी बहस की चुनौती, झूठी बयानबाजी न करें..

अक्स न्यूज लाइन नाहन 15 अक्तूबर :
हरिपुर मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष शाकिर खान ने पलटवार करते हुए कहा कि आज कुछ मीडिया माध्यमों में यह समाचार प्रकाशित हुआ है कि अंजुमन इस्लामिया नाहन के अध्यक्ष गुल मुनव्वर उर्फ बॉबी अहमद ने जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत सौंपी है, जिसमें उन्होंने यह दावा किया है कि कुछ लोग अंजुमन की कार्यप्रणाली में बाधा डाल रहे हैं और संगठन की छवि खराब कर रहे हैं।
उन्होंने कहा किआरोप लगाए हैं, वे सब दस्तावेज़ों, बैंक रिकॉईस और प्रत्यक्ष सबूतों के साथ लगाए हैं। हमारे हर दावे के समर्थन में ठोस प्रमाण मौजूद हैं, जिन्हें जिला पुलिस अधीक्षक को भी सौंपा है। इसके विपरीत, बॉबी अहमद बिना किसी प्रमाण या साक्ष्य के केवल झूठे और भावनात्मक बयान देकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। उनका पूरा प्रयास केवल अपनी गलतियों और अनियमितताओं को छिपाने का है।
खान ने आरोप लगाया कि बॉबी अहमद ने अदालत के स्पष्ट आदेशों की अवहेलना करते हुए अंजुमन इस्लामिया का चुनाव अवैध रूप से लड़ा और अध्यक्ष पद पर काबिज हुए। उन्होंने बिना जनरल हाउस की अनुमति के ₹7,00,000 का बैंक लोन लिया, जो संस्था के नियमों का सीधा उल्लंघन है। मस्जिद हरिपुर के चंदे और रसीदों का पूरा हिसाब कभी सार्वजनिक नहीं किया -जबकि जब भी उनसे जवाब मांगा गया, उन्होंने टालमटोल की या चुप्पी साध ली। अब भी गायब हैं। तीन रसीद बुकों का टोटल ₹4.50 लाख रुपये पाया गया, जब वो मस्जिद हरिपुर के प्रधान थे, तब बैंक खाते में ₹2,66,000 रुपये थे, और पद छोड़ते समय केवल ₹5,347 रुपये शेष बचे थे बाकी धनराशि कहां गई, इसका कोई जवाब अब तक नहीं मिला यह कोई पहली बार नहीं है जब बॉबी अहमद ने समाज को भ्रमित किया हो।
उन्होंने कहा कि बॉबी अहमद से जवाब या लेखा-जोखा मांगा गया, उन्होंने "राजनीतिक साज़िश" या "झूठे मुकदमे" का बहाना बनाकर सच्चाई से नज़रें चुराईं। वास्तव में, यह सारा विवाद तब शुरू हुआ जब जनता ने उनसे मस्जिद हरिपुर के पैसों और निर्माण कार्यों का हिसाब मांगा।
उन्होंने ने चुनौती देते हुए कहा कि खुली बहस का आमंत्रण अब भी कायम है:- हम पहले भी सार्वजनिक रूप से बॉबी अहमद को मीडिया और प्रशासन की उपस्थिति में आमने-सामने बहस (डिबेट) के लिए निमंत्रण दे चुके हैं। हमने उसे यह कहा था कि - "तारीख वो तय करे, मंच हम तैयार रखेंगे।" लेकिन आज तक उसने न तो उस निमंत्रण का जवाब दिया और न ही जनता के सामने कोई सबूत पेश किया।
हमारा उद्देश्य हम किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि सच्चाई, पारदर्शिता और धार्मिक संस्थाओं की ईमानदार व्यवस्था के लिए खड़े हैं। हमारा संघर्ष मस्जिद हरिपुर और अंजुमन इस्लामिया के धन की सही उपयोगिता, जन-जवाबदेही और अल्लाह की अमानत की हिफ़ाज़त के लिए है। हम मीडिया और प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि वे दोनों पक्षों को एक मंच पर बुलाकर सच्चाई जनता के सामने रखें।