त्रिलोकपुर मंदिर ट्रस्ट में सियासी इशारे पर गरीब कन्याओं की शादी में मदद की योजना पुनः लागू करने की कवायद: एसडीएम कीअध्यक्षता में बनी कमेटी को सोंपनी है रिपोर्ट..

त्रिलोकपुर मंदिर ट्रस्ट में सियासी इशारे पर गरीब कन्याओं की शादी में मदद की योजना पुनः लागू करने की कवायद: एसडीएम कीअध्यक्षता में बनी कमेटी को सोंपनी है रिपोर्ट..

अक्स न्यूज लाइन नाहन 16 अक्तूबर  :  

सियासी इशारे पर महामाया बाला सुन्दरी मंदिर त्रिलोक में श्रद्धालुओं द्वारा मां के दरबार में चढ़ाए जाने वाले चढावे से गरीब कन्याओं की शादी में वित्तीय मदद की योजना पुनः लागू करने की कवायदें पिछले कुछ अरसे से जारी है। लेकिन अभी कोई फैसला नहीं हो सका है। यह योजना विवादों में आने के बाद मन्दिर ट्रस्ट ने बन्द कर दी थी। लेकिन मंदिर ट्रस्ट में बैठे सियासी नेताओं के इशारे पर इस योजना को दुबारा लागू करने के लिए जोर मारा जा रहा है। इसी कड़ी में मंदिर ट्रस्ट की बैठक में ट्रस्ट के अस्सिटेंट कमिश्नर एंव एसडीएम नाहन की   अध्यक्षता में बनी कमेटी को अपनी रिपोर्ट ट्रस्ट को सोंपनी है।
 
मंदिर ट्रस्ट के भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार पुर्व में इस योजना में मदद लेने वालों में.अन्य धर्म के लोगों की संख्या ज्यादा रही थीं। जबकि राज्य में लागू मंदिर अधिनियम के अनुसार मन्दिरों के चढावे से केवल श्रद्धालू व पूजा अर्चना करने वाले लोग ही मदद के पात्र हैं। मन्दिर ट्रस्ट की ओर से पूर्व में शादी में मदद के लिए एक तय राशि व साजो सामान की एक किट प्रदान की जाती थी।
 
उधर हाल ही में हाई कोर्ट ने अपने अहम फैसले में मंदिरों के चढावे को लेकर सरकार और ट्रस्टियों को आईना दिखाया है। कोर्ट से साफ़ कर दिया है कि मंदिरों का धन देवता का है। सरकार या ट्रस्टी धन के मालिक नही है केवल संरक्षक है। हाईकोर्ट ने मन्दिरों के ट्रस्टियों पर इस मामले में कड़ी बंदिशें लागू कर दी है । हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब त्रिलोक पुर मन्दिर ट्रस्ट के फजूलखर्ची पर ब्रेक लगनी पड़ेगी।

 कोर्ट ने मंदिरों के धन का मनमर्जी से उपयोग रोकने के लिए राज्य की ओर से बनाई जाने वाली सड़कों, पुलों और सार्वजनिक भवनों के निर्माण के लिए मंदिर के धन इस्तेमाल नही होगा। व्यक्तिगत लाभ और निजी उद्योगों में इसका निवेश पर प्रतिबंध रहेगा। यहां तक कि मन्दिरों में आने वाले वीआईपी को उपहार, मोमेंटो, चुनरी-प्रसाद, काजू, बादाम खरीदने पर भी हाई कोर्ट ने  रोक लगाई है। अन्य धर्मों के धार्मिक-सामाजिक आयोजनों के अलावा राजनीतिक कार्यकमों पर मंदिरों का पैसा खर्च नही होगा।

 त्रिलोक पुर मन्दिर न्यास के अस्सिटेंट कमिश्नर एंव एसडीएम नाहन राजीव संख्यान ने बताया कि ट्रस्ट की मीटिंग में पूर्व में गरीब परिवार की कन्याओं की शादी में वित्तीय मदद की बन्द पड़ी योजना को पुनः शुरू करने का प्रस्ताव आया है। इस बारे में एसडीएम की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट मंदिर ट्रस्ट की मीटिंग में अभी रखनी है। एसडीएम ने कहा कि हाल ही में हाई कोर्ट ने मंदिरों के धन के प्रयोग को लेकर लगाई गई बंदिशों पर अमल होगा।