महिला बाल विकास: योजनाओें का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करें: सिंहमार
बुधवार को धर्मशाला के डीआरडीए सभागार में कांगड़ा मंडल के हमीरपुर, उना, चंबा तथा कांगड़ा जिलों के महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सचिव आशीष सिंहमार ने कहा कि प्रदेश सरकार सामाजिक सरोकार को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करते हुए संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। इस दिशा में महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री आश्रय योजना आरंभ की है।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस योजना का सुचारू कार्यान्वयन अत्यंत जरूरी है तथा नियमित तौर पर योजना की समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना को विस्तार प्रदान करते हुए परित्यक्त और सरेंडर बच्चों को भी इसके दायरे में शामिल किया है। अब यह योजना विभिन्न चुनौतियों से जूझ रहे परित्यक्य बच्चों की सहायता करेगी। परित्यक्त बच्चों से तात्पर्य ऐसे बच्चों से है जिनके जैविक या दत्तक माता-पिता, अभिभावकों ने उनका त्याग कर लिया है जबकि सरेंडर बच्चों में वह बच्चे शामिल हैं जिनका माता-पिता या अभिभावकों नेे शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कारणों से त्याग किया है। इन बच्चों को इस योजना के तहत लाभान्वित करने से उनका सम्पूर्ण विकास सुनिश्चित होगा। उनकी मानसिक, आर्थिक, सामाजिक एवं भावनात्मक आवश्यकताएं भी पूर्ण होगी।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए भी प्रपोजल तैयार करें ताकि बच्चों को बेहतर सुविधा मिल सके। आशीष सिंहमार ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार पर विशेष ध्यान दिया जाए तथा कुपोषित बच्चों की सुचारू मानिटरिंग की जाए और नियमित तौर पर बच्चों के स्वास्थ्य पर फोक्स किया जाए। इस अवसर पर सचिव आशीष सिंहमार ने बेटी है अनमोल, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, विधवा पुनर्विवाह योजना, मुख्यमंत्री शगुन योजना, एमटी अक्षय मित्र संबल योजना की प्रगति रिपोर्ट पर भी चर्चा की तथा अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी योजनाओं के तहत निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्व पूरा करें ताकि पात्र लोगों को लाभ मिल सके।
इससे पहले अतिरिक्त निदेशक कल्याण विभाग मोहन मिततल ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए कांगड़ा मंडल की प्रगति रिपोर्ट के बारे में अवगत करवाया। इस अवसर पर कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर तथ उना के महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।