अक्स न्यूज लाइन कुल्लू, 12 नवम्बर :
आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, द्वारा सांख्यिकीय सुदृढ़ीकरण योजना के अंतर्गत बुधवार को कुल्लू के बहुउद्देश्यीय भवन में “सांख्यिकीय गतिविधियों में समन्वय और दोहराव से बचाव” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सहयोग से आयोजित की गई।
कार्यशाला की अध्यक्षता डॉ. अभिषेक जैन, सचिव (वित्त, अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी, योजना) ने की। डॉ. अभिषेक जैन ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं न केवल विभागीय समन्वय को मजबूत करती हैं, बल्कि डेटा की गुणवत्ता और उपयोगिता में भी वृद्धि करती हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे आंकड़ों के संग्रह, विश्लेषण और प्रसार में पारदर्शिता एवं सटीकता बनाए रखें।
उन्होंने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य राज्य की सांख्यिकीय प्रणाली को सुदृढ़ बनाना और साक्ष्य-आधारित नीतिनिर्धारण एवं सुशासन को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों पर ही प्रदेश की आय (जीडीपी) से सीधे लिंक होने के कारण आंकड़ो का सही रूप में प्रस्तुत करना बहुत महत्वपूर्ण बिंदु है। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपने-अपने आंकड़े सही और अद्यतन रूप में प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी जानकारी को लेकर कोई संदेह हो तो उसे अपलोड करने से पूर्व विभाग के अधिकारियों से जानकारी हासिल करें।
उन्होंने बताया कि इस बैठक का उद्देश्य अधिकारियों को सेंसिटाइज करना है ताकि वे अपने विभाग के प्रस्तुत आंकड़ों के प्रति और अधिक सजग तथा उत्तरदायी बनें। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि यदि किसी विभाग को अपने स्तर पर जिले में कार्यशाला आयोजित करनी हो, तो उसके लिए भी पर्याप्त फंड उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त जो अधिकारी प्रशिक्षण लेना चाहते हैं, उन्हें उत्कृष्ट संस्थानों में प्रशिक्षण के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे।
इससे पहले आर्थिक सलाहकार डॉ. विनोद राणा ने स्वागत भाषण देते हुए सांख्यिकीय आंकड़ों की बढ़ती उपयोगिता और विश्वसनीय डेटा के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि “आज के दौर में डेटा ही आधुनिक विश्व का ईंधन है।” उन्होंने सभी विभागों से अपील की कि वे ऐसे आंकड़े तैयार करें जो यथार्थपरक, सत्यापन योग्य और नीति निर्धारण की आवश्यकताओं के अनुरूप हों। इस अवसर पर उपायुक्त कुल्लू, तोरुल एस. रवीश ने अपने संबोधन में कहा कि आंकड़े प्रभावी निर्णय-निर्माण का आधार हैं। उन्होंने कहा कि डेटा पर आधारित निर्णय अधिक सटीक, पारदर्शी और उत्तरदायी शासन को सुनिश्चित करते हैं। रवीश ने बताया कि डेटा के माध्यम से संसाधनों का कुशल प्रबंधन, नीतियों में सुधार और बेहतर योजना निर्माण संभव है।
कार्यशाला के दौरान जिला सांख्यिकी कार्यालय, कुल्लू द्वारा तीन पावर प्वाइंट प्रस्तुतियाँ दी गईं। पहली प्रस्तुति में जिले की प्रोफाइल का अवलोकन प्रस्तुत किया गया, दूसरी प्रस्तुति जिला सुशासन सूचकांक पर केंद्रित रही, जबकि तीसरी प्रस्तुति राज्य आय अनुभाग द्वारा जीएसडीपी अनुमान हेतु आंकड़ों की आवश्यकताओं पर दी गई। इसके उपरांत ओपन हाउस डिस्कशन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने सांख्यिकीय प्रक्रियाओं में सुधार एवं विभिन्न विभागों के बीच सहयोग बढ़ाने के सुझाव साझा किए।। उपस्थित प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गये।
इस अवसर पर एडीसी अश्वनी कुमार, सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिनिधि उपस्थित रहे।