सलोह और दुलैहड़ में एससी/एसटी शिक्षा ऋण योजना बारे ग्रामीण किए जागरूक

योजना के तहत छात्र के माता-पिता या अभिभावक को सह-ऋणी बनना आवश्यक है। यह सुविधा केवल उन्हीं परिवारों के छात्रों को दी जाती है जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 3 लाख रुपये से कम है। इस योजना के माध्यम से डिप्लोमा और डिग्री कोर्सेज जैसे जेबीटी, एमबीबीएस, इंजीनियरिंग, एक वर्षीय होटल मैनेजमेंट, एमबीए, जीएएमएस, एमएस, नर्सिंग आदि पाठ्यक्रमों के लिए भी ऋण सुविधा उपलब्ध है। ऋण की वसूली कोर्स पूर्ण होने के दो वर्ष बाद अथवा नौकरी मिलने पर, जो पहले हो, से शुरू हो जाती है।
यह जानकारी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से संबद्ध नाट्यदल पूर्वी कलामंच जलग्रां टब्बा ने बुधवार को अभियान के दूसरे चरण के तीसरे दिन हरोली उपमंडल के सलोह और दुलैहड़ में आयोजित गीत-संगीत और नुक्कड़ नाटक कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय ग्रामीणों को दी।
कलाकारों ने बताया कि शिक्षा ऋण योजना आर्थिक रूप से कमजोर एससी और एसटी वर्ग के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने और अपने सपनों को साकार करने में मदद करती है। साथ ही, उन्होंने ग्रामीणों को मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना, इंदिरा गांधी सुख सुरक्षा योजना सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी।
इस दौरान कलाकारों ने नशा निवारण पर विशेष जोर देते हुए कहा कि नशा समाज के लिए एक गंभीर बुराई है, जिससे दूर रहकर ही एक स्वस्थ और प्रगतिशील समाज का निर्माण संभव है। उन्होंने लोगों से नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने का आह्वान किया।
इस मौके पर सलोह की प्रधान अनीता जसवाल, दुलैहड़ के प्रधान नंद किशोर, वार्ड सदस्य पवन कुमार, पूनम कुमारी सहित स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे।