अगर सेब पड़ोसी राज्य की मंडियों में बिका तो वो कांग्रेस सरकार को नाकामी : देष्टा
अक्स न्यूज लाइन .. शिमला, 18 अक्तूबर
किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संजीव देष्टा हिमाचल प्रदेश के किसानों और बागवानों की जो जिम्मेवारी भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मुझे पार्टी ने दी है, उस जिम्मेदारी को निभाते हुए हिमाचल प्रदेश के किसानों और बागवानों के हितों लिए हमेशा लड़ता रहूंगा। सरकार चाहे केंद्र की हो, चाहे प्रदेश की हो। सरकार की नीतियों और योजनाओं को किसानों बागवानों तक पहुंचाना और किसानों बागवानों की समस्याओं को सरकार तक ले जाना।
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर का कुछ क्षेत्र और शिमला जिला के कुछ क्षेत्र में सीजन अभी चल रहा है।
अभी तक सरकारी आंकड़ों के अनुसार 1.66 करोड़ पेटियां देश की विभिन्न मण्डियों में आई है। जिसमें से 52 प्रतिशत सेब हिमाचल प्रदेश की मण्डियों में आया है और 48 प्रतिशत से बाहर की मण्डियों में गया है। वो जो 48 प्रतिशत से बाहर की मण्डियों में गया है। वो हिमाचल प्रदेश की मण्डियों में और ज्यादा आ सकता था। परन्तु सेब सीजन के शुरुआती दौर में जिस तरह से सरकार ने हिमाचल प्रदेश के बागवानों को कन्फ्यूज करके रखा, वो चाहे यूनिवर्सल कार्टन को लेकर किया हो चाहे किलो के हिसाब से सेब को बेचने के लिए किया हो। '
परन्तु प्रॉपर इन्फ्रास्ट्रक्चर ना होने के कारण किसान असमंजस में रहा कि सेब किलो के हिसाब से बिकेगा या यूनिवर्सल कार्टन के हिसाब से बिकेगा? बाहर की मण्डियों में जिस तरह से किसान अपना सेब ले जाने के लिए मजबूर रहा और जिसके कारण बागवानो कोअतिरिक्त भाड़ा देना पडा़। चाहे गुजरात, हैदराबाद, राजस्थान, उत्तर प्रदेश की मंडियां में सेब ले जाने के लिए 2 दिन जाने में लगते हैं और उसके अलावा उनका जो खर्च भी वहन करना पड़ा उसके लिए सरकार जिम्मेवार है। जिस तरह एचपीएमसी और हिमफेड के जो एम आई एस के कांटे हैं वह भी समय पर ना खोलने के कारण किसान को मजबूरन अपना सेब नाले में फेंकना पड़ा। उस पर सरकार द्वारा जिस तरह से जुर्माना लगाया गया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
हीमफेड़ के माध्यम से जो खरीदारी होती है। उस खरीद के बाद जब वो सेब परमाणु को जाता है काँटे जहाँ पर लगते है उन कांटों पर अंत समय में जब सेब डिस्ट्रॉय होता है जो खराब सेवा नालों में फेंका जाता है उसका मुझे लगता है सरकार ने आंकलन नहीं किया होगा, ना ही इस वर्ष कर रही है। उस पर प्रीमियम का 2प्रतिशत और 1.5 प्रतिशत देने का जो केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है वो स्वागत योग्य है।
हिमाचल प्रदेश के अंदर भारतीय जनता पार्टी की सरकार पिछले पांच वर्ष रही। एक ऐतिहासिक निर्णय रहा की 3.5रू 5 साल में एमआइएस का रेट बढ़ा और सेब का समर्थन मूल्य। जिस तरह से प्रोसेसिंग और कोल्ड स्टोर को लगाने के लिए सरकार ने प्रयास किया। आज पराला के अंदर प्रोसेसिंग यूनिटबन, कोल्ड स्टोर बन रहा है और रोहडू में भी अभी 25 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है।
उन्होने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के नेतृत्व ने मेरे केंद्र के नेतृत्व ने मुझ पर विश्वास जताया है और किसानों के हक के लिए हमेशा लड़ेंगे। चाहे आंदोलन के माध्यम से लड़ना पडे या धरना प्रदर्शन करना पड़े, हम हमेशा किसानों के साथ खड़ा रहेंगे।