प्रभात कुमार के व्यंग्य संग्रह ‘हमारे संज्ञान में नहीं आया है’ का लोकार्पण

प्रभात कुमार के व्यंग्य संग्रह ‘हमारे संज्ञान में नहीं आया है’ का लोकार्पण

शहर के वरिष्ठ नागरिक, व्यंग्य लेखक प्रभात कुमार की तीसरी किताब, ‘हमारे संज्ञान में नहीं आया है’ का
लोकार्पण, शनिवार 27 अगस्त को, डाईट कांफ्रेंस हॉल, नाहन, में किया जा रहा है। ‘हरियाली, स्वच्छता एवं संस्कृति’
को समर्पित संस्था ‘अलख’ द्वारा आयोजित इस समारोह में उनके मित्र, परिचित और शहर के जाने माने रचनाकार
शामिल होंगे। यह पुस्तक एक व्यंग्य संग्रह है जिसमें 52 प्रकाशित व्यंग्य रचनाएं शामिल हैं। उनकी पहली किताब,
13 कहानियों का संग्रह, ‘गुलाबी निवेदन’ वर्ष 1989 में आया था और 58 व्यंग्य रचनाओं का संकलन, ‘ऐसा देस है
मेरा’ 2018 में प्रकाशित हुआ था। इन दोनों पुस्तकों को देश और प्रदेश के समालोचकों ने बखूबी सराहा था। संतोष
उत्सुक नाम से भी लिखने वाले प्रभात कुमार की अब तक 1900 से ज़्यादा रचनाएं देश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं
में छप चुकी हैं । अपने निवास, ‘गुलिस्तान ए साथी’ में, ‘भारत का पहला रविवारी ड्रिफ्ट वुड संग्रहालय’ स्थापित
करने का श्रेय भी उनको जाता है।