विश्वकर्मा योजना को लेकर हुई जिला कार्यान्वयन समिति की बैठक
एडीसी ने बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के कार्यान्वयन की दिशा-निर्देश और प्रक्रिया की समीक्षा करना था। एडीसी ने बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और हस्तशिल्पियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाना है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में आवेदन हेतु अपने नजदीकी लोक मित्र केंद्र में संपर्क करें और ग्राम पंचायत प्रधान एवं सचिव से सत्यापित कर आवेदन प्रस्तुत करें।
उन्होंने सभी से अपील की कि वे एकजुट होकर काम करें और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को कांगड़ा जिले में सफलतापूर्वक लागू करें। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सभी कारीगरों को समय पर और पारदर्शी तरीके से वित्तीय सहायता प्राप्त हो। उन्होंने बताया कि योजना के तहत पहले चरण में एक लाख रुपये और दूसरे चरण में दो लाख रुपये तक का ऋण केवल 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर प्रदान किया जाएगा। कौशल विकास और सत्यापन के बाद कारीगरों को 15,000 रुपये की टूल किट प्रदान की जाएगी। नामित प्रशिक्षण केंद्रों में कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें प्रतिदिन 500 रुपये का वजीफा मिलेगा।
उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत बढ़ई, नाव निर्माता, लोहार, आर्मरर, हैमर और टूल किट निर्माता, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, बांस/चटाई/झाड़ू निर्माता, पारंपरिक खिलौना निर्माता, नाई, माला बनाने वाले, धोबी, दर्जी, मछली जाल निर्माता, और ताला निर्माता जैसे 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है।
इस दौरान जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक व सदस्य सचिव ओम प्रकाश जरयाल ने जिला कार्यान्वयन समिति को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के बारे विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछली बैठक में 11611 आवेदनों की प्राप्ति हुई थी, जिनमें से 9625 आवेदन, जो मेसन और टेलर से संबंधित थे, उन्हें यह शर्त लगाकर स्वीकृति दी गई थी कि जैसे ही जीएम इंडस्ट्रीज को पंचायत प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव से सत्यापित अंडरटेकिंग प्राप्त होगी, उन्हें स्टेज-तीन के लिए भेजा जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया को तेज करने के लिए डीआरडीए के परियोजना अधिकारी से उन्होंने व्यक्तिगत बैठक की है। इसके अलावा, 20 नवंबर 2024 को उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित खंड विकास अधिकारियों की बैठक में यह आदेश पारित किए गए थे कि सभी बीडीओ संबंधित पंचायत प्रधान और पंचायत सचिव को निर्देश दें कि इस प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा किया जाए।