जंगल कटान मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक, पर्यावरण दिवस मगरमच्छ के आंसू : विवेक शर्मा

जंगल कटान मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक, पर्यावरण दिवस मगरमच्छ के आंसू  : विवेक शर्मा

अक्स न्यूज लाइन सोलन 9 जून : 
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विवेक शर्मा ने पर्यावरण दिवस और वन माफिया को  सरकार के संरक्षण, पर सख्त लहजे में कहा, वर्ल्ड एनवायरमेंट डे।विश्व पर्यावरण दिवस गत 5 तारीख को मनाया गया है।हिमाचल सरकार के अनुसार चौंकाने वाले आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं। सरकार का दावा है कि फॉरेस्ट कवर एरिया का जो क्षेत्रफल 2023 में 15228.35 वर्ग किलोमीटर से बढ़ कर अब 15880. 35 हो गया है। 652 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ाया गया है। सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है इसे 28% बता रही है और 2030 तक  इसे 30% करने का लक्ष्य बता रही है वकार्बन क्रेडिट लेने की दावेदारी प्रस्तुत की जा रही है। दावेदारी और हकीकत मगरमच्छ के आंसुओं के समान है।

हिमाचल में लगातार जिस तरह से जंगलों का कटान हो रहा है जमीन पर चाहे वन क्षेत्रों में 652 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी दिखा रही प्रदेश सरकार, अपितु जंगल लगातार ख़त्म हो रहे हैं।कहीं खनन तो कहीं वन माफिया इन जंगलों को बंजर में तब्दील कर रहा है।3117 .60 वर्ग किलोमीटर के घने जंगलों में अपराध की राजधानी बिलासपुर के स्वारघाट वन परिक्षेत्र के अंतर्गत 18 करोड़ के खैर की लकड़ी के अवैध कटान हो गए जिसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गई हैऔर यह पहली बार नहीं हुआ 2017 में कांग्रेस कार्यकाल में श्री नैना देवी क्षेत्र में भी घटना घट चुकी है।

चंबा जिला के हिमगिरि  क्षेत्र में कश्मल की अपनी औषधि गुणवत्ता है और उसकी  400 से 500 साल पुरानी जड़ों को भी खोद कर निकाला जा रहा है। फॉरेस्ट विभाग की जानकारी के अनुसार 8 क्विंटल जड़ों को अभी तक पकड़ा गया है। तस्करी कितनी हुई होगी अनुमान लगाना मुश्किल है। जिसकी मेडिसिनल वैल्यू अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों की है। गत 24 जनवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में भी इस पर चर्चा हो चुकी है। चंबा के पहाड़ी क्षेत्रों को खोखला कर रहा है वन माफिया । सिरमौर के पोंटा साहिब डिवीजन में गत तीन वर्षों में 14 FIR फॉरेस्ट विभाग द्वारा पुलिस में अलग-अलग थानों में करवाई गई है।

करोड़ों से अधिक की लकड़ी कट गई है।गत 3 अप्रैल 2025 की रिपोर्ट सब को चौंकाने वाली है जहां बहराल बीट के अंतर्गत खैर की लकड़ी के 30 पेड़ काट दिए गए और जांच में पाया गया कि हिमाचल उत्तराखंड बॉर्डर पर  पुलिस विभाग का जो नाका है जहां से ट्रक हिमाचल से बाहर गए वहां का सीसीटीवी कैमरा ही  तकनीकी खराबी के कारण बंद पाया गया है।फॉरेस्ट डिविजन , एस.पी सिरमौर को  पत्र लिख रहा है कार्रवाई के लिए लेकिन कार्रवाई शून्य है।चौपाल की स्थिति और भी गंभीर हो रही है पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के साथ लगती चौपाल की सीमाओं के थरोच  क्षेत्र के जंगलों में अवैध कटान की ऐवज में फॉरेस्ट विभाग दूध, दही, घी में बिक रहा है और एक विशेष समुदाय की बस्तियां वन भूमि पर बस रही है।