वासनी गांव में श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ का आयोजन सैकड़ों श्रद्धालू कर रहे कथा का रसपान
पच्छाद के वासनी में श्रीमद्भागवत साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें व्यासपीठ पर विराजमान आचार्य कमलकांत शर्मा अपने मुखारबिंद से प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालुओं को कथा का रसपान करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिना विचारे कोई भी काम नहीं करना चाहिए क्योंकि जो बिना विचार करके कोई भी काम करता है, उसका परिणाम सही नहीं निकलता है। उन्होंने भक्ति के विभिन्न प्रकारों का वर्णन करते हुए बताया कि जो मैं और मोह के चक्कर से छूटकर, उस आसक्ति से छूटकर अपना सर्वस्व परमात्मा को अर्पण कर दे, वही आत्मनिवेदन भक्ति है। शिव और सती के प्रसंग का व्याख्यान करते हुए आचार्य कमलकांत ने बताया कि जहां-जहां मां सती के शरीर के अंग गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ स्थापित हुए। कुल 51 शक्तिपीठ बने। इस महायज्ञ में आचार्य सचिन शर्मा प्रतिदिन यज्ञमानों से विधिवत पूजा-अर्चना करवा रहे हैं, जबकि अरुण ठाकुर अपनी मधुर भजनों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं। उनके साथ प्रेम शर्मा तबले पर और धीरज ठाकुर कीपैड पर साथ दे रहे हैं। कथा आयोजक जगदीश चंद्र शर्मा ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ 13 जनवरी को कलश यात्रा के साथ हुआ और समापन 20 जनवरी को पूर्णाहुति व विशाल भंडारे के साथ होगा।