लिंग जांच करने वाले अल्ट्रासाउंड केंद्र के बारे में जानकारी देने वाले व्यक्ति को 20 हजार रूपए दिया जाएगा........ जिला में लिंग अनुपात सुधारने के लिए चलाई गई मुहिम ..एडीसी
अक्स न्यूज लाइन -- बिलासपुर , 05 सितंबर -2023
जिला बिलासपुर में शिशु लिंगानुपात दर को सुधारने के लिए विशेष मुहिम चलाई जाएगी। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त बिलासपुर डॉ निधि पटेल ने महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आयोजित बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए।
उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर की 88 पंचायतों की शिशु लिंग अनुपात दर देश की शिशु लिंग अनुपात दर 929 से नीचे चली गई है। यानी इन पंचायत को अब रेड जोन में गिना जाएगा
रेड जोन में विकासखंड सदर व श्री नयना देवी के अंतर्गत 30 पंचायतें, घुमारवीं के अंतर्गत 27 जबकि विकासखंड झंडूता के अंतर्गत 31 पंचायतें शामिल है
इसके अतिरिक्त जिला की 92 ऐसी पंचायतें हैं जिनकी शिशु लिंग अनुपात दर देश की लिंग अनुपात दर 929 से ऊपर है इन 92 पंचायतो को ग्रीन जोन में गिना जाएगा। ग्रीन जोन में विकासखंड सदर व श्री नयना देवी के अंतर्गत 47 पंचायतें, घुमारवीं के अंतर्गत 19 और झंडुता के अंतर्गत 26 पंचायतें हैं।
अतिरिक्त उपायुक्त ने महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग को रेड जोन आई पंचायतो में बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।
बैठक में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत गठित जिला सतरीय कमेटी के सदस्यों ने राजस्थान सरकार की तर्ज पर लिंग जांच कन्या भ्रूण हत्या और शिशु लिंगानुपात संबंधित केस को रोकने के लिए विशेष थाना स्थापित करने के लिए प्रयास किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त जिला के सभी अल्ट्रासाउंड केंद्र और बिलासपुर की सीमा के साथ लगती पड़ोसी राज्यों के अल्ट्रासाउंड केंद्रो पर भी पैनी नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि लिंग निर्धारण परीक्षणों की आसान उपलब्धता के साथ छोटे परिवार का मानदंड गिरते बाल लिंग अनुपात में उत्प्रेरक हो सकता है, जो गर्भधारण पूर्व लिंग चयन सुविधाओं की आसान उपलब्धता से और भी आसान हो जाता है। जिला स्तरीय कमेटी ने निर्णय लिया कि लिंग जांच करने वाले अल्ट्रासाउंड केंद्र के बारे में जानकारी देने वाले व्यक्ति को जिला प्रशासन की ओर से 20 हजार रूपए दिया जाएगा। जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग को टोल फ्री नंबर जारी करने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त उपायुक्त ने महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कार्यरत आंगनवाड़ी वर्करों और आशा वर्करों को इस मामले में और अधिक सक्रियता से कार्य करने के लिए जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन दंपतियों की पहली बेटी हुई है उन दंपतियों पर विशेष रूप से नजर रखा जाए ताकि कन्या भ्रूण को रोका सके।
बैठक में कमेटी के सदस्यों ने जिला में लिंग जांच को रोकने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
बैठक में डीपीओ आईसीडीएस हरीश मिश्रा मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रवीण कुमार सहित जिला स्तरीय कमेटी के सभी सदस्य उपस्थित रहे।