राज्यपाल ने हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग पर दिया बल
उन्होंने राजभवन शिमला से वर्चुअली कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम का विश्लेषण करें तो पाएंगे कि हिंदी एवं स्थानीय बोलियों के माध्यम से ही देश में जागृति आई तथा राष्ट्र ने हिंदी को राजभाषा का सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता हिंदी को बढ़ावा देना तथा इसे आधुनिक विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं शिक्षा से जोड़कर आगे बढ़ाना होना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि हिंदी हमारी संस्कृति एवं सिद्धांतों के कारण भावी पीढ़ी में नैतिक मूल्यों को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में हिंदी शिक्षा को और अधिक प्रभावी एवं समृद्ध बनाने की आवश्यकता है तथा हिंदी के प्रयोग को पूर्ण प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। उन्होंने देवनागरी लिपि को और अधिक प्रोत्साहित करने पर भी बल दिया, क्योंकि देवनागरी देश की अन्य बोलियों का आधार है।
इससे पूर्व, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय बठिंडा के कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी ने राज्यपाल का स्वागत किया और हिंदी पखवाड़े के बारे में विस्तृत जानकारी दी।