मुख्यमंत्री और मित्रों द्वारा बल्क ड्रग पार्क के एक भवन का शिलान्यास, केंद्रीय विभाग मंत्री को नही दी सूचना : सत्ती
अक़्स न्यूज लाइन, शिमला --21 जून
भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक सतपाल सत्ती ने कहा की हरोली में बनने बाले बल्क ड्रग पार्क , जिसका शिलान्यास , 13 अक्तूबर 2022 को देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। दोबारा उसके एक भवन व सड़क का प्रदेश के मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन करना और उसमे केंद्र सरकार के इसी विभाग के मन्त्री जेपी नडडा को न तो आमंत्रित किया गया और न ही उन्हें ऐसा करने की जानकारी दी गई। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण व ओछी राजनीति है।
उन्होंने कहा की स्थानीय सांसद अनुराग ठाकुर जिनका इस बल्क ड्रग पार्क को स्वीकृत करबाने में बड़ा योगदान रहा है उनको भी विश्वास में नहीं लिया गया।बद्दी बरोटीवाला फार्म सेक्टर का देश का ही नहीं बल्की एशिया का सबसे बड़ा हब है। लेकिन यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि हमारे देश के फारमा सेक्टर के लिए रॉ मटेरियल(API) लगभग 85% विदेशों से आता है और इसमें से भी लगभग 80% हम चीन से आयात करते हैं। हमारे प्रधानमंत्री और केंद्र की भाजपा सरकार ने इस समस्या को समझा क्योंकि कोविड काल में तो यह स्थिति और भी गंभीर हो गई थी। इसलिए जुलाई 2020 को भारत सरकार फारमा सेक्टर की कच्चे माल की दूसरे देशों पर निर्भरता ख़त्म करने के लिए देश में तीन बल्क ड्रग पार्क निर्माण करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। जयराम ठाकुर के नेतृत्व में चलने बलि तत्कालीन भाजपा सरकार ने इस बल्क ड्रग पार्क का जो एकमात्र प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा बह ऊना ज़िला के हरोली का था।
प्रदेश सरकार ने केंद्र के समक्ष इसका पक्ष ज़ोरदार तरीक़े से रखा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री श्री जेपी नडा और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने होमाचल के लिये यह प्रोजेक्ट मंज़ूर करबाने के लिए पूरे प्रयास किए।30 अगस्त को केंद्र सरकार ने हिमाचल के हरोली में बनने बाले इस ड्रग पार्क कु सैद्धांतिक मंज़ूरी दे दी और 11 अक्तूबर 2022 को हिमाचल की भाजपा सरकार द्वारा बनाई गई DPR को अंतिम स्वीकृति भी मिल गई।13 अक्तूबर 2022 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी स्वयं ऊना आकर भारत में बनने बाले तीन बल्क ड्रग पार्कों में से एक का शिलान्यास किया। मोदीजी ने केवल शिलान्यास ही नहीं किया बल्कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाबजूद 225 करोड़ इस बल्क ड्रग पार्क के लिये लगभग ढेड़ साल पहले प्रदेश को भेजे थे। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने जब से बनी है एक रुपया भी इस प्रोजेक्ट को मंज़ूर नहीं किया।
लेकिन आज राजनीति का स्तर इतना गिर गया है कि जो कांग्रेस के नेता मोदी सरकार द्वारा दिये जाने बल्क ड्रग पार्क का विरोध कर रहे थे और अपने कार्यकर्ताओं को इस प्रोजेक्ट को रोकने के लिए प्रदेश के उच्च नयालय भेज रहे थे आज वही नेता भाजपा की डबल इंजन सरकार द्वारा दिये गये इस तोहफ़े का झूठा श्रेय लेने का प्रयास कर रहें हैं , क्या यह सच्चाई नहीं है कि जिन हरीश कुमार और रजिंदर कुमार ने इस प्रोजेक्ट को रुकबाने के लिये उच्च नयालय में केस किया था क्या वह कांग्रेस के कार्यकर्ता नहीं है? क्या हरीश कुमार को मुकेश अग्निहोत्री ने इस कारनामे के उसके घर जाकर उसे सम्मानित नहीं किया था? जिस बकील ने उच्च न्यालय में हरीश कुमार और रजिंदर कुमार के बल्क ड्रग पार्क को रुकबाने बाले केस की बकालत की थी क्या प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही प्रदेश का महाधिवक्ता बना कर इनाम नहीं दिया गया? क्या इसी बकील ने कोर्ट में यह नहीं कहा था कि पोलियाँ के जंगल में भालू रहते हैं?अग्र यह बल्क ड्रग पार्क बन गया तो भालू कहाँ जाएँगे? आज वही कांग्रेस के नेता गिरगिट की तरह रंग बदलकर इस बल्क ड्रग पार्क के सबसे बड़े चैंपियन बनने का कुप्रयास कर रहें हैं। लेकिन जानता सब जानती कि किसने कब क्या कहा था और क्या किया था?