शानन जल विद्युत परियोजना के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख करेगी सरकारः मुख्यमंत्री
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में सर्वोच्च उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी। सर्वोच्च न्यायालय को पंजाब सरकार को यह परियोजना हिमाचल को सौंपे जाने के लिए दिशा-निर्देश देने का आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परियोजना को तुरंत सौंपे जाने के लिए केंद्र और पंजाब सरकार के समक्ष भी इस मसले को रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में प्रदेश के न्यायसंगत अधिकारों को सुरक्षित करने के मामले में भी तेजी लाएगी। इस संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा पहले ही निर्णय दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने में पुरजोर प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1,045 मेगावाट कड़छम-वांगतू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के संबंध में कार्यान्वयन समझौते के गैर-अनुपालन का जेएसडब्ल्यू कंपनी को नोटिस दिया जाएगा।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हाइड्रो क्षेत्र में प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए विद्युत परियोजनाओं से 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 30 प्रतिशत रॉयल्टी लेने का निर्णय लिया गया है। वहीं 40 वर्ष बाद परियोजना राज्य सरकार को सौंपे जाने का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम के दूरगामी एवं सकारात्मक परिणाम आएंगे और प्रदेश की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी।
उन्होंने कहा कि हाइड्रो पावर और पर्यटन प्रदेश की आर्थिकी के प्रमुख क्षेत्र हैं तथा वर्तमान सरकार इन दोनों क्षेत्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2027 तक प्रदेश को आत्मनिर्भर और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध और खुशहाल राज्य बनाने की दिशा में दृढ़ संकल्पित है।
मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, विधि सचिव शरद कुमार लग्वाल, राज्य विद्युत बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार, ऊर्जा निदेशक हरिकेश मीणा, विशेष सचिव विद्युत अरिंदम चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।