मनरेगा में 200 दिन का काम देना हो: महिला समिति -घरेलू हिंसा क़ानून सख्ती से लागू किया जाए

मनरेगा में 200 दिन का काम देना हो: महिला समिति   -घरेलू हिंसा क़ानून सख्ती से लागू किया जाए

अक्स न्यूज लाइन ..नाहन 6 मार्च 2023
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह को भेजे ज्ञापन में गुहार लगाई कि राज्य में चल रही मनरेगा योजना में कम से कम 200 दिनों का काम देना सुनिश्चित किया जाए ताकि बेरोजगारी की समस्या से कुछ राहत ग्रामीण महिलाओं को दी जा सकें। साथ साथ घरेलू हिंसा क़ानून सख्ती से लागू किया जाए। ताकि पीडि़त महिलाओं क ो न्याय मिलने में देरी न हो। बढ़ती महिला हिंसा पर रोक लगाई जाए घरेलू हिंसा क़ानून को सख्ती से लागू किया जाए तथा घरेलू हिंसा क़ानून को लागू करने के लिए अलग बजट व अलग विभाग का प्रवधान किया जाए। कार्यस्थलों पर यौन हिंसा को रोकने के लिए लिंग संवेदनशील कमेटियों का गठन कर कमेटीयों को सख्ती से सक्रिय किया।
सरकार को चेतावनी देते हुए समिति ने ऐलान किया कि तमाम मांगों को तुरंत पूरा किया जाए अन्यथा जनांदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर होना पड़ेगा।
समिति की पूर्व राज्य उपाध्यक्ष एंव जिला परिषद की पूर्व सदस्य संतोष क पूर ने ज्ञापन में कहा कि मनरेगा में कामगारों को सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं जैसे भवन एवंअन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के सदस्य के रूप में पहले की तरह लाभान्वित किया जाए। उन्होने कहा कि मनरेगा क़ानून में असस्मेंट के नाम लूट बन्द की जाए कामगारों न्यूनतम वेतन दिहाड़ी देना तय किया जाए। क पूर ने मांग करते हुए क हा कि मनरेगा मजदूरों की हाजरी बायोमेट्रिक से लगाने का फैसला वापस लिया जाए तथा शहरी रोजगार गारंटी क़ानून बनाया जाए शहरों में चल रहें शहरी आजीविका मिशन कार्यक्रम महिलाओं व गरीबों को पहले की तरह रोजगार मिलना चाहिए ताकि बेरोजगारी की गंभीर समस्या से निजात दिलाई जा सकें। कामगारों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ देना सुनिश्चित किया जाए। स्वास्थ्य सुविधाओं को दरूस्त किया जाए नाहन मेडिकल कॉलेज में रिक्त पड़े सभी पदों को तुरंत भरा जाए तथा आधार भूत ढाँचा मजबूत किया जाए अल्ट्रासॉउन्ड साउंड मशीनों को बढ़ाया जाए ताकि मरीजों को मिलने वाली लम्बी तरीकों की समस्या का हल किया जाए। संतोष क पूर ने मांग करते हु ए कहा कि बढ़ते नशे के अवैध कारोबार पर रोक लगाई जाए तथा जिला स्तर पर नशा मुक्ति केंद्र खोलें जाए तथा वहाँ मनोचिकित्साक तैनात किए जाए। महंगी शिक्षा पर रोक लगाई जाए शिक्षा का व्यवसायिकरण बन्द किया जाए।