बरसात में वोटारोपण व्यंग्य : प्रभात कुमार

बरसात में वोटारोपण                      व्यंग्य : प्रभात कुमार

बरसात में पौधारोपण करना व होना बेहद ज़रूरी होता है क्यूंकि हमने देश का सरकारी वन क्षेत्र
हर हाल में बढ़ाना होता है। वैसे तो कितनी बार बारिश का इंतज़ार करते करते किसान की
फसल की मौत बचपन में ही हो जाती है। बारिश आती भी है तो खूब तरसाकर फिर बरसकर
तैयार फसल धराशायी कर जाती है । लेकिन, लेकिन इन छोटी मोटी बातों का हमारे नेताजी पर
कदाचित कोई असर नहीं पड़ता । जिस दिन उनका बस चलेगा वे एक दिन में करोड़ों पौधे
लगवा कर, चुटकी बजाकर अपना नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में लिखवा लेंगे ।

विकासजी के पूज्य पिताजी यानि नेताजी को समझ है कि ऐसा कभी ख्वाब में भी हो नहीं
सकता इसलिए वे अपने क्षेत्र में ईमानदारी से हर साल बरसात में पौधारोपण का बढ़िया व
सफल कार्यक्रम करवाते हैं और मुख्यअतिथि भी बनते ही हैं ।

पिछले कल ही उन्होंने अपने ग्रुप के ज़्यादा वफादार बंदों को बुलाकर बैठक की । शहर में कुछ
दिन पहले नेताजी द्वारा उदघाटित कत्थु हलवाई की दुकान से काले बड़े गुलाब जामुन व पनीर
के समोसे मंगवाए गए, साथ में बरसाती मौसम में होने वाली बीमारियों से बचने के लिए तुलसी
व काली मिर्च की चाय का विशेष प्रबंध किया गया। जब अनुभवी नेताजी ने आंक लिया कि
खाने पीने के बाद सब खुश हैं तो उन्होनें प्रेरित किया कि बरसात शुरू हो चुकी है, चुनाव चलते
रहते हैं मूल्यवान वोटों को रोपने के लिए सरकारी नर्सरी से मुफ्त में मिलने वाले, ऐसे पौधे
उठवा लिए जाएं जो कम समय में वृक्ष बन जाएं । यह ध्यान रखा जाए कि पौधे इस बार
उनकी कार में न लादकर सरकारी गाड़ी में लाए जाएं, पिछली बार कार की डिक्की बहुत गंदी हो
गई थी ।

समारोह में पधारने वाले प्रत्येक पत्रकार के बैठने का बढ़िया इंतजाम किया जाए,
पिछली बार हमारे कई मित्रों को उचित जगह नहीं मिल सकी थी । हां इस बार दी जाने वाली
प्रैस रिलीज़ का मसौदा पहले से टाइप करवाकर तैयार रखें, नहीं तो बाद में प्रैस रिलीज़ बनाने
वाला बंदा ढूंढ़ना पड़ता है। इसे ईमेल भी किया जाए। वहट्सेप, फेसबुक व अन्य साधनों का
प्रयोग भी हो। जिस ज़मीन पर पौधे लगाने हैं, उसे अच्छी तरह से साफ करवा दें और आसपास

का कूड़ा कचरा भी उठवा दें। इस बार सभी के बैठने का इंतज़ाम वाटर प्रूफ टेंट के नीचे करवाया
जाए । एक बड़ी, रंगीन छतरी भी हमारे लिए तैयार रखी जाए। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत
करने के लिए निकट के स्थानीय सरकारी स्कूल के हैड मास्टर को कह दिया गया है।
नेताजी के निजी ज्योतिषी के परामर्श के अनुसार कार्यक्रम की तिथि निश्चित की गयी, जिस
भाग्यशाली जगह नेताजी ने पौधारोपण करना था वहां अड़ोस पड़ोस के निवासियों को भी
आमंत्रित किया गया ।

सबसे आग्रह किया गया कि साफ सुथरे कपड़े पहन कर आएं ताकि फोटो
अच्छे आएं । पौधारोपण के शुभ दिन बारिश की बूंद भी नहीं टपकी इसलिए सब कुछ प्लानिंग
के मुताबिक सम्पन्न हुआ । सभी के बैठने की समुचित व पर्याप्त व्यवस्था रही। सरकारी गाड़ी
पौधे लाकर धन्य हो गई । सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों ने पारम्परिक लोक नृत्य व नई हिट
फिल्मों के गानों पर डांस किया । नेताजी ने पौधे लगाने के महत्त्व पर बढ़िया प्रकाश डाला ।
बच्चे, जवान व प्रौढ़ खुश दिखे, खास तौर पर लड्डू खाने के बाद । सफ़ेद वस्त्रों में मुख्य
अतिथि बने नेताजी ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर पौधा लगाया, उनके साथ आए सज्जनों ने
भी गिन गिन कर पौधे लगाए ।

सभी कैमरों ने अनेक सेलफ़ियां खींची और तपाक से वहट्सएप
कर दी । पौधे जितने लगाए उससे ज्यादा बताए । जनता ने चाय समोसा खाया और कचरा वहीं
डाल दिया। नेताजी बहुत अधिक प्रसन्न हुए और दिखे भी, उनको विशवास हो गया कि विपक्ष
के पेड़ उखाड़कर उन्होंने अपनी वोटों के पौधे लगा दिए हैं ।

गुलिस्तान ए साथी, पक्का तालाब, नाहन (हिप्र) 9816244402