डीसी ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे युवाओं का किया मार्गदर्शन
उन्होंने विद्यार्थियों को विषय चयन, सिलेबस की जानकारी देने के अलावा उनसे अपने अनुभव साझा करते हुए मनोबल बढ़ाया। उपायुक्त ने युवाओं की परीक्षा से जुड़ी जिज्ञासाओं-शंकाओं का समाधान भी किया। उन्होंने युवाओं से सफलता के लिए सही दिशा में, सही दृष्टिकोण से पूरे उत्साह के साथ लगातार समर्पित प्रयास जारी रखने का आह्वान किया ।
कार्यक्रम के उपरांत जतिन लाल ने बताया कि ऊना जिला प्रशासन सामर्थ्य कार्यक्रम के तहत युवाओं एवं महिलाओं के कल्याण व उत्थान को लेकर मुख्यतः 6 घटकों पर काम कर रहा है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर युवाओं का मार्गदर्शन करना भी शामिल है। इसमें यूपीएससी, एचपीपीएससी सिविल सेवा परीक्षा समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करने से जुड़े हर पहलू को लेकर युवाओं का मार्गदर्शन करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अमूमन देखा गया है कि युवाओं को इन परीक्षाओं को लेकर कई चीजों की जानकारी ही नहीं होती। जिसके चलते उन्हें कई तरह की दुविधाओं-दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। परीक्षा के विषयों से लेकर किताबों तक के बारे में सही जानकारी के अभाव में यहां वहां भटकना पड़ता है। हमारी कोशिश है कि उनकी समस्याएं सुनकर समाधान किया जाए। उनके वित्तीय दिक्कतों से लेकर मानसिक परेशानियों तक में मदद की जाए। इसके लिए सामर्थ्य कार्यक्रम के तहत प्रयास किए जा रहे हैं।
गरीब बच्चियों को उच्च शिक्षा में 2 लाख तक की आर्थिक मदद
उपायुक्त ने सामर्थ्य कार्यक्रम के विषय में आगे बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद के साथ साथ इस कार्यक्रम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की पात्र लड़कियों को उच्च शिक्षा में सहायता की पहल की गई है। इसमें जिला प्रशासन ने गरीब परिवारों की 25 जरूरतमंद लड़कियों की पढ़ाई का खर्च उठाने का निर्णय लिया है। इसके लिए केवल वही लड़कियां पात्र होंगी जिनके पिता गुजर गए हों या 70 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग हों। आवेदक ऊना जिले की निवासी होनी चाहिए, उन्होंने किसी अन्य योजना का लाभ न लिया हो तथा उनके परिवार की वार्षिक आय 50 हज़ार रुपये या इससे कम होनी चाहिए। चयनित लड़कियों को उनकी डिग्री या उच्च शिक्षा के लिए 2 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। पहले चरण में 25 लड़कियों का चयन उनके अंक और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस योजना में वित्तीय लाभ लेने के लिए पात्र लड़कियां उपायुक्त कार्यालय में 25 अगस्त तक आवेदन कर सकती हैं। आवेदन से संबंधित जानकारी उपायुक्त कार्यालय के कक्ष सं. 413 से प्राप्त की जा सकती है।
मुख्य छः घटकों पर आधारित होगी सामर्थ्य कार्यक्रम
जतिन लाल ने सामर्थ्य कार्यक्रम के मुख्य छः घटकों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसमें - फिटनेस, प्रतिस्पर्धात्मकता, कला एवं संस्कृति, उद्यमिता, जागरूकता एवं नियंत्रण और सामाजिक मूल्यों के संवर्धन पर फोकस किया गया है। पहले घटक फिटनेस के तहत, युवाओं को नशे से बचाने और उनकी ऊर्जा को सही दिशा में लगाने के मकसद से पंचायत स्तर पर ओपन जिम्नेजियम, खेल के मैदान, योग कोर्ट और सामुदायिक खेल आयोजनों पर बल दिया जाएगा। दूसरे घटक प्रतिस्पर्धात्मकता के अंतर्गत, बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करना शामिल है, जिसमें यूपीएससी कोचिंग, उच्च अध्ययन छात्रवृत्ति, पठन कक्ष और सेना प्रवेश परीक्षा की तैयारी में सहायता की जाएगी। तीसरे घटक कला एवं संस्कृति में कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए शिल्प, संस्कृति केंद्र, महोत्सव, उत्सव, सांस्कृतिक दौरे और भाषा पाठ्यक्रमों पर फोकस किया जाएगा। चौथे घटक उद्यमिता के तहत, आजीविका केंद्र, नौकरी मेले, स्वयं सहायता समूह सहयोग और कृषि आधुनिकीकरण पर बल दिया जाएगा। पाँचवे घटक जागरूकता और नियंत्रण में, नशा मुक्ति अभियान, स्वच्छता अभियान, पर्यावरण संरक्षण और कुपोषण उन्मूलन पर काम किया जाएगा। छठे घटक सामाजिक मूल्य संवर्धन के तहत, महिला सशक्तिकरण, मूल्यपरक शिक्षा कैंप, रक्तदान शिविर और सामुदायिक सेवा गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
इस अवसर पर हिमकैप्स कॉलेज के चेयरमैन विक्रमजीत सिंह, प्रधानाचार्य नर्सिंग कार्तिक सैलवी, प्रधानाचार्य लॉ जसवंत सिंह सहित कॉलेज स्टाफ और विद्यार्थीगण मौजूद रहे।