हाईकोर्ट के आदेश: त्रिलोकपुर जंगल अवैध कटान की हो विजिलेंस जांच: नाहन गौरव विकास संस्था के अध्यक्ष सुधीर रमौल ने वन विभाग पर लगाए गंभीर आरोप...

हाईकोर्ट के आदेश: त्रिलोकपुर जंगल अवैध कटान की हो विजिलेंस जांच:  नाहन गौरव विकास संस्था के अध्यक्ष सुधीर रमौल ने वन विभाग पर लगाए गंभीर आरोप...

अक्स न्यूज लाइन  नाहन  25 जुलाई  :

नाहन गौरव विकास संस्था के अध्यक्ष सुधीर रमौल ने शुक्रवार को मीडिया से रूबरू होकर  में सुधीर रमौल ने कहा कि हाई कोर्ट उच्च आदेशों के बाद बुधवार को त्रिलोकपुर में अवैध खैर कटान दिखाने के लिए वन विभाग की टीम के साथ मौके पर गए। रमौल ने निशाना साधते हुए कहा कि इस दौरान डीएफओ नाहन व उनकी टीम का व्यवहार उनके साथ सही नहीं रहा।
रमौल ने  कि वह वन विभाग को सहयोग करने के उदेश्य से उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद गए ताकि जो अवैध कटान नहीं मिल रहा है वह सबके सामने आए। उन्होंने कहा कि वह वरिष्ठ नागरिक हैं और उनकी आयु करीब 69 वर्ष है। इतना ही नहीं सड़क हादसे के बाद टांगों में रॉड डली हुई है। 

बावजूद इसके वह हाई कोर्ट के आदेशों के बाद विभाग का सहयोग करने के उदेश्य से त्रिलोकपुर पहुंचे। विभाग के कार्यालय से जंगल तक पानी व पत्थरों से भरे नाले पार करते हुए करीब 3 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे। जंगल में भी कठिन व फिसलन भरे रास्तों से होकर विभाग को 25 स्पॉट दिखाए। इस दौरान जिन स्थानों पर कटान हुआ था वहां आग लगी हुई पाई गई जबकि आसपास ऐसा नहीं पाया गया। 

उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि इस सबके बावजूद विभाग का रवैया उनके लिए ही सही नहीं रहा। रमौल ने कहा कि जंगल में जब प्यास लगने के बाद उन्होंने विभाग के डीएफओ से पीने के लिए गुहार लगाई तो अधिकारी ने पानी से इनकार करते हुए कहा कि आप अपना पानी स्वयं लेकर आते। हालांकि विभाग के एक कर्मी द्वारा अलग से थैले में पानी से भरी बोतलों को लाया गया था। इतना ही नहीं जब स्पॉट दिखाने के बाद उन्होंने वापिस जाते समय डीएफओ से गाड़ी में उनको भी साथ ले जाने की गुहार लगाई तो इसे भी डीएफओ ने नकार दिया। 

उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों व विभाग के साथ कोई कैसे सहयोग करेगा। जबकि न तो उन्होंने इस मामले में कोई शिकायत की थी और न ही उनका कोई इस मामले में संबंध था। वह केवल पारदर्शी कार्रवाई चाहते थे। उन्होंने कहा कि यह अधिकारी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं और इसपर जांच भी चल रही है।

रमौल ने प्रदेश सरकार से इस मामले में जांच टीम को बदलकर विजिलेंस या उच्च स्तरीय जांच करवाने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों का तुरंत तबादला किया जाए ताकि जांच प्रभावित न हो क्योंकि मौके पर साक्ष्यों को मिटाने की कोशिश सामने आई है।