अक्स न्यूज लाइन तीर्थन घाटी गुशेनी बंजार (परस राम भारती) 18 सितंबर :
जिला कुल्लू उपमंडल बंजार में तीर्थन घाटी की ग्राम पंचायत कलवारी देहुरी सोह में 21-22 सितम्बर को धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर तीर्थन नदी महोत्सव आयोजित होगा।इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पुष्पा शबाब धर्मपत्नी स्व. दिलेराम शबाब पूर्व विधायक बंजार विधानसभा क्षेत्र रहेंगी। कार्यक्रम में तीर्थन पूजा, नदी चर्चा, नाटी प्रतियोगिता, महिला खेल एवं समूह गान, प्रदर्शनी व पर्यावरण डॉक्यूमेंट्री का आयोजन होगा।
कुल्लू ज़िले की ब्यास,पार्वती और तीर्थन नदी आदि नदियाँ सभ्यता और संस्कृति का केंद्र रही है। तीर्थन घाटी में हँसकूंड तीर्थ नामक स्थान से निकलने वाली यह अविरल तीर्थन नदी लारजी में पार्वती और व्यास नदी से मिलती है। इसी पवित्र तीर्थन नदी को लेकर एक विशेष तीर्थन महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य इस नदी की धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्ता को लोगों तक पहुंचाना है।
तीर्थन नदी जिला कुल्लू की महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। यह क्षेत्र धार्मिक आस्था, प्राकृतिक संसाधनों और जैव विविधता और पर्यटन के लिए खासा महत्व रखता है। यहां के लोग मानते हैं कि देवी-देवताओं का वास भी इसी क्षेत्र में है। देवताओं और स्थानीय समाज के सहयोग से यह नदी और इसके आसपास के जंगल व वन्यजीव आज भी संरक्षित हैं।
विश्व धरोहर स्थल ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क भी इसी क्षेत्र में आता है। यही कारण है कि यहां के लोग और संस्थाएं मिलकर तीर्थन नदी और उससे जुड़ी परंपराओं को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं।
इस महोत्सव की शुरुआत तीर्थन नदी की पवित्रता और उसकी संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है। आयोजकों का कहना है कि इससे युवाओं में संस्कृति और प्रकृति के प्रति श्रद्धा व जागरूकता बनी रहेगी और समय रहते संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकेंगे। इस दो दिवसीय महोत्सव का आयोजन आदर्श महिला मंडल देहुरी, सहारा संस्था व वन अधिकार समिति देहुरी द्वारा किया जा रहा है।
सहारा संस्था के निदेशक राजेन्द्र चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि शाई रोपा ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में 21 सितम्बर 2025 को तीर्थन घाटी व तीर्थन नदी संरक्षण विषय पर कार्यशाला आयोजित होंगी। इसमें समुदायिक नेतृत्व, पर्यटन, पर्यावरण व अकादमिक दृष्टिकोण से नदी और घाटी के संरक्षण पर विशेषज्ञों व स्थानीय प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे।
इस कार्यक्रम में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित नेक राम, हिमालय नीति अभियान के संयोजक गगन सिंह, बहादुर सिंह, पदम सिंह, डॉ. वर्यम सिंह, डॉ. केसर, डॉ. हीरामणि कश्यप, डॉ. सूरत ठाकुर सहित कई विशेषज्ञ और संगठन शामिल होंगे। इसी तरह 22 सितम्बर को पूजा, पारंपरिक समारोह, तीर्थन नदी संरक्षण का संकल्प, सांस्कृतिक कार्यक्रम और नाटी के साथ देवताओं के स्वागत का किया जाएगा।
इन्होंने बताया कि आज इस संदर्भ में उप मण्डल अधिकारी बंजार पंकज शर्मा के साथ ग्रामीणों ने एक बैठक का भी आयोजन हुआ, जिसमें कार्यक्रम के संचालन बारे हर पहलु पर चर्चा परिचर्चा हुई।