तंबाकू के दुष्प्रभावों से अवगत करवाना हर डॉक्टर का कर्तव्य.... विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डॉ. रमेश भारती ने की अपील....

तंबाकू के दुष्प्रभावों से अवगत करवाना हर डॉक्टर का कर्तव्य.... विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डॉ. रमेश भारती ने की अपील....

अक्स न्यूज लाइन --हमीरपुर  , 31 मई -  2023
विश्व तंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष्य पर बुधवार को डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कालेज हमीरपुर में एक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रशिक्षु डॉक्टरों को तंबाकू के दुष्प्रभावों और इस गंभीर समस्या के निवारण के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
    इस अवसर पर मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डॉ. रमेश भारती ने कहा कि विश्व भर में प्रतिवर्ष लाखों लोगों की मौत तंबाकू के सेवन एवं इससे होने वाली कई गंभीर बीमारियों के कारण हो जाती है। उन्होंने सभी डॉक्टरों और प्रशिक्षु डॉक्टरों से कहा कि समाज को तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति जागरुक करना प्रत्येक डॉक्टर का कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर ‘वी नीड फूड, नॉट टोबैको’ यानि ‘हमें भोजन की आवश्यकता है, तंबाकू की नहीं’ विषय दिया है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को तंबाकू के बजाय अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए प्रेरित करना है।
  इस अवसर पर तंबाकू के दुष्प्रभावों की विस्तृत जानकारी देते हुए डॉ. रजीत कुमार ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार विश्व में प्रतिवर्ष लगभग 33 प्रतिशत भू-संपदा तंबाकू की खेती के लिए प्रयोग की जा रही है और करीब 10 देशों की अर्थव्यवस्था तंबाकू उत्पादन पर ही टिकी हुई है। इसलिए, तंबाकू की खेती को कम करने के लिए ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वर्ष के तंबाकू निषेध दिवस का विषय ‘वी नीड फूड, नॉट टोबैको’ निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि भारत में लगभग 28.6 प्रतिशत युवा धुआंयुक्त तंबाकू उत्पादों का प्रयोग कर रहे हैं। जबकि, 10.7 प्रतिशत लोग धुआं रहित तंबाकू का प्रयोग कर रहे हैं, जिनमें महिलाओं भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। यानि भारत की लगभग 50 प्रतिशत आबादी तंबाकू की चपेट में है। इसको रोकने के लिए प्रत्येक नागरिक को आगे आना होगा।
  इस अवसर पर मनोचिकित्सा विभाग के डॉ. क्षितिज कुमार ने युवाओं की आम दिनचर्या में तनाव प्रबंधन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी भी बड़े पैमाने पर तंबाकू उत्पादों की चपेट में आ रहे हैं। इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में बच्चों एवं युवाओं में तनाव को रोकने के लिए योग, ध्यान और खेलकूद इत्यादि शारीरिक गतिविधियों को उनकी दिनचर्या में शामिल करना बहुत जरूरी है।
  कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षु डॉक्टरों के लिए नारा लेखन और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें 6-6 समूहों ने भाग लिया। इन प्रतिभागियों को पुरस्कार भी वितरित किए गए।
 इस अवसर पर मनोचिकित्सा विभाग के अध्यक्ष डॉ. कमल प्रकाश, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. महेंद्र सिंह और कालेज के अन्य प्रोफेसर एवं डॉक्टर भी उपस्थित थे।
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