विक्रमादित्य द्वारा राजनीतिक हवस शब्द का प्रयोग निंदनीय: वर्मा...... अपनी पार्टी की खीज भाजपा के वरिष्ठ नेताओं पर न निकाले......
अक्स न्यूज लाइन ..शिमला 28 जुलाई - 2023
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता बलवीर वर्मा एवं महेन्द्र धर्माणी ने संयुक्त बयान में कहा कि लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह लगातार सुर्खियों में बने रहने के लिए विरोधाभासी बयानबाजी कर रहे हैं।
उन्होनें कहा कि जिस प्रकार से विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया वह निंदनीय है। विक्रमादित्य सिंह ने अपने प्रैस वक्तव्य में हवस ‘‘राजनीतिक हवस’’ शब्द का प्रयोग किया और यह भाषा साबित दिखाती है कि विक्रमादित्य सिंह अपनी ही सरकार में घुटन महसूस कर रहे हैं। वह मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे लेकिन बन नहीं पाए और आज भी वह खीज उनके बयानो में साफ झलकती है। हम निवेदन करते हैं कि अपनी पार्टी की खीज हमारे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर न निकाल।
भाजपा ने कहा कि सरकार की आपसी लड़ाई चरम सीमा पर है और इनके वर्चस्व की लड़ाई में हिमाचल की जनता पिस रही है। केन्द्र की भाजपा सरकार लगातार हिमाचल प्रदेश की चिंता कर रही है और उसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर व हमारे सांसदगण केन्द्रीय मंत्रियों से मिलकर हिमाचल की स्थिति से केन्द्र को अवगत करवा रहे हैं। नितिन गडकरी जी का हिमाचल का प्रस्तावित प्रवास आदरणीय जगत प्रकाश नड्डा व जयराम ठाकुर के व्यक्तिगत प्रयासों से बन रहा है। उसका श्रेय लेने की होड़ में विक्रमादित्य सिंह राष्ट्रीय मुद्दों पर बात करने लगे हैं।
भाजपा प्रवक्ताओं ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सड़कों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। सड़के टूटी हैं। किसान-बागवान अपनी फसल निकालने के लिए जद्दोजहद कर रहा है, अपने पैसों से मशीने लगा रहा है ताकि उसकी फसल मंडियों तक पहुंच सके और सड़क मंत्री एनडीए और यूपीए की लड़ाई को मुद्दा बनाकर अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं।
भाजपा प्रवक्ताओं ने पूछना चाहा कि दो दिन पहले लोक निर्माण मंत्री दिल्ली जाकर केन्द्रीय मंत्रियों के पास फूलों के गुलदस्ते ले जाकर उनकी प्रशंसा में कसीदे कस रहे थे और बयान दिया कि हमें 2800 करोड़ रू0 सड़कों के लिए केन्द्र की मोदी सरकार दे रही है और आज उनका विरोधाभासी बयान आ रहा है।
भाजपा ने लोक निर्माण मंत्री को सलाह दी कि हिमाचल की सड़कों की चिंता करें इसमें ही भलाई है।