जनभागीदारी से हमीरपुर को बनाएंगे टीबी मुक्त: अमरजीत सिंह
उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त अभियान में सर्वप्रथम टीबी के रोगियों की पहचान के लिए टेस्टिंग जरूरी है। रोगी की पहचान के बाद उसका पूर्ण उपचार सुनिश्चित करवाना तथा उसको पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाना अति आवश्यक है। इसके अलावा टीबी की आशंका वाले लोगों एवं समूहों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि टीबी को पूरी तरह समाप्त करने के लिए आम लोगों की भागीदारी बहुत जरूरी है। इसलिए, 100 दिवसीय अभियान को ‘जनभागीदारी’ नाम दिया गया है। उन्होंने सभी जिलावासियों से भी आग्रह किया कि अगर उनके आस-पास अगर किसी व्यक्ति में टीबी जैसे लक्षण नजर आते हैं तो उसे तुरंत अपना टैस्ट करवाने के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने बताया कि 7 दिसंबर को 100 दिवसीय अभियान का शुभारंभ किया जाएगा और 8 से 22 दिसंबर तक टीबी की आशंका वाले क्षेत्रों एवं समूहों पर विशेष रूप से फोकस किया जाएगा तथा नि-क्षय शिविर आयोजित किए जाएंगे। 23 से 31 दिसंबर तक क्रिसमस एवं अन्य त्यौहारों के अवसर पर समाज के प्रबुद्ध लोगों एवं धर्मगुरुओं के सहयोग से आम लोगों को टीबी के प्रति जागरुक किया जाएगा। पहली जनवरी से 12 जनवरी तक और राष्ट्रीय युवा दिवस पर भी इस अभियान को एक जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा। 13 से 15 जनवरी तक लोहड़ी एवं मकर संक्रांति के उपलक्ष्य पर भी धार्मिक संस्थाओं एवं धर्मगुरुओं के माध्यम से टीबी उन्मूलन का संदेश दिया जाएगा। 16 से 24 जनवरी तक शिक्षण संस्थानों में और 25-26 जनवरी को जिला स्तरीय समारोहों में जागरुकता गतिविधियां होंगी। 27 जनवरी से 2 फरवरी तक सरकारी विभागों मंे निक्षय सप्ताह आयोजित किया जाएगा। इसी प्रकार 17 मार्च तक इस अभियान के लिए एक व्यापक कार्ययोजना बनाई गई है। उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों को इस कार्य योजना के अनुसार अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर जिला क्षय रोग उन्मूलन अधिकारी डॉ. सुनील वर्मा ने अभियान के संबंध में विस्तृत जानकारी दी तथा सभी विभागों से सहयोग का आह्वान किया। बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष बबली देवी, अन्य जनप्रतिनिधि, डीआरडीए की परियोजना अधिकारी अस्मिता ठाकुर, अन्य अधिकारी तथा धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।