जिले के सरकारी स्कूलों में भेजा 50 का बजट स्टेशनरी खरीदने केलिए....... -कहीं 31 मार्च से पहले लैप्स ना हो जाए बजट

जिले के सरकारी स्कूलों में भेजा 50 का बजट स्टेशनरी खरीदने केलिए....... -कहीं 31 मार्च से पहले लैप्स ना हो जाए बजट

 अक्स न्यूज लाइन ..नाहन 29 मार्च 2023
केंद्र व राज्य सरकार के विभागों में 31 मार्च को लैप्स होने वाले लाखों के बजट ठिकाने लगाने की रिवायत कोई नई नहीं है। केंद्र व राज्य सरकार की कुछ मदों में बजट 31 मार्च को लैप्स हो जाता है। यानी संबंधित विभाग बजट को अगले वित्तीय वर्ष में  खर्च नहीं कर सकते। ऐसे में बचे हुए बजट को ठिकाने लगाना बेहद जरूरी समझा जाता है। इसी कड़ी में आलम यह है कि केंद्र सरकार के समग्र शिक्षा परियोजना के तहत मिले बचे बचे हुए बजट को जिले के कुछ स्कुलों के ऐसे जारी किया गया। मिली जानकारी के अनुसार कुछ स्कूलों को 50 रूपए मामूली रकम स्टेशनरी खरीदने के लिए जारी हुई यही नहीं जमा 2 स्कूलों को तो 500 बजट स्वच्छता  के तहत टॉयलेट आर्टिकल खरीदने के लिए दिए गए। प्राइमरी स्कूलों को भी डाइट संस्थान ने टीचिंग लर्निंग मैटेरियल खरीदने केलिए दिए। ऐसे में यह सामान खरीदने के लिए की स्टेशनरी की दुकान में नजर आए। 
इस मामले में शिक्षाविदों का कहना है कि शिक्षा विभाग व केंद्र के समग्र शिक्षा के बजट को 31 मार्च को लैप्स नहीं होने देना चाहिए शेष बचे बजट को अगले वित्तीय वर्ष में खर्च करने के निर्देश दिए जाने चाहिए ऐसा ना होने से इन योजनाओं के बजट को 30 मार्च तक हर हाल में ठिकाने लगा दिया जाता है। मजबूरन सामग्री खरीद ली जाती है जिसका प्रयोग आसानी से साल भर नहीं होता। बहुत सी सामग्री तो स्टोर में धूल फंकती नजर आती है। मिली जानकारी के अनुसार डाइट संस्थान द्वारा बजट पेश होने से बचाने के लिए के लिए के लिए किस्तों में बजट जारी किया गया जिन स्कूलों में यह बजट पहुंचा वहां आनन-फ ानन में सामान खरीद कर रख लिया गया यह सामान कब प्रयोग में आएगा इसके बारे में न तो स्कूल प्रबंधनों को मालूम है और ना ही सरकार को लेकिन इन कवायदों में बजट लैप्स होने बच गया। 
-समग्र शिक्षा परियोजना द्वारा जारी हुआ बजट 31 मार्च तक  लैप्स सो जाता है ऐसे में शेष बचे बजट को जिले के प्राइमरी और जमा दो स्कूलों में दिया गया है। 50 रूपए का बजट जिन स्कूलों में भेजा गया है वहां स्कूलों से कहा गया कि वह यह राशि कागज आदि खरीदने के लिए खर्च करें ताकि अनुसूचित जाति के  बच्चों के लिए यह स्टेशनरी उनकी शिकायत निवारण हेतु काम आ सके। प्राइमरी स्कूलों में पहली से तीसरी तक की कक्षाओं के लिए  के सामग्री खरीदने के लिए के लिए 500 रूपए का बजट दिया है।  जमा दो स्कूलों के लिए भी स्वच्छता के तहत 500 रूपए जारी हुए है। 
-राजीव ठाकुर. प्रिंसिपल डाइट संस्थान नाहन 
-स्टेट बजट के तहत ऐसी कोई राशि सरकारी स्कूलों में वितरित नहीं की गई है 50 से लेकर 500 रूपए तक की राशि का बजट समग्र शिक्षा योजना के तहत जारी हुआ होगा। इस बारे में अधिक जानकारी डाइट संस्थान से उपलब्ध हो सकती है।
- करमचंद, शिक्षा उपनिदेशक हायर जिला सिरमौर