अक्स न्यूज लाइन शिमला 23 सितंबर :
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री द्वारा की गई प्रेस वार्ता का पलट जवाब देते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश आए आपदा ग्रस्त लोगों का हाल जाना, उसके उपरांत 7 केंद्रीय मंत्री आए और धरातल पर रिपोर्ट तैयार करके ले गए। पर हिमाचल प्रदेश की जनता की आंखें मुख्यमंत्री महोदय और उनके मंत्रियों को देखने के लिए तरस गई। खुद इस कांग्रेस सरकार के मंत्री आपदा के समय गायब रहे और दोषारोपण भाजपा पर करते हैं।
सुरेश कश्यप ने हिमाचल प्रदेश की कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा की 2023 एवं 2024 में हिमाचल प्रदेश को केंद्रीय करों के हिस्से के रूप में 9375 करोड रुपए आए, केंद्र से ग्रांट के रूप में 14942 करोड रुपए आए और केंद्र से अगर कुल पैसा ट्रांसफर की राशि देखी जाए तो वह 24317 करोड़ है। अब कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता मंत्री यह बताएं कि क्या हिमाचल प्रदेश की कैग रिपोर्ट भी झूठी है, क्या कैग रिपोर्ट भी झूठ बोल रही है। भाजपा के नेता आंकड़े हवा में नहीं बल्कि दस्तावेजों से रेफरेंस लेकर बोलते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर आपदा के समय लोगों को बचाने का काम किसी ने किया है तो वह एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने किया है, हिमाचल प्रदेश की सरकार तो धरातल से गायब थी। यह भी कांग्रेस पार्टी एक झूठी छवि बनाने का प्रयास कर रही है, मुख्यमंत्री, मंत्री यहां तक की आलाकमान अफसर भी फील्ड में मौजूद नहीं थे। मणिमहेश यात्रा की बात करें तो हम बता दें कि अगर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के लोग ना होते तो वहां से लोगों और मृतकों को निकालना हिमाचल प्रदेश की सरकार के लिए संभव नहीं था।
कश्यप ने कहा कि अगर केंद्र से पैसा चाहिए तो प्रदेश सरकार को हिसाब तो देना होगा। अभी तक हिमाचल प्रदेश को 5000 करोड़ से अधिक का पैसा आपदा से निकलने के लिए प्राप्त हो चुका है पर उसका हिसाब हिमाचल प्रदेश की सरकार दे नहीं पा रही है, बिना हिसाब के केंद्र पैसा कैसे भेजेगा यह तो सरकार को भली भांति समझ आता है।
हिमाचल में आपदा के जख्मों पर अब 2,687 करोड़ रुपए का मरहम लगेगा। राज्य सरकार विश्व बैंक के एक नए प्रोजेक्ट के तहत रिकवरी और पुनर्निर्माण का यह काम करेगी। यह प्रोजेक्ट वर्ल्ड बैंक फंड करेगा, जिसकी कुल लागत 2,687 करोड़ है। इस प्रोजेक्ट को हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार ने दिया है।