पीएम धन-धान्य कृषि योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित
बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का शुभारंभ 11 अक्तूबर, 2025 को देशभर के 100 आकांक्षी कृषि जिलों में किया गया है, जिसमें बिलासपुर जिला हिमाचल प्रदेश से चयनित हुआ है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित करना, किसानों की आय में वृद्धि करना तथा केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के प्रभावी अभिसरण (कन्र्वजेंस) के माध्यम से कृषि अवसंरचना को सुदृढ़ बनाना है।
बैठक में योजना के प्रमुख उद्देश्यों पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए बताया कि कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना, फसल विविधीकरण एवं फसल तीव्रता में बढ़ोतरी, सतत और प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहन देना, सिंचाई सुविधाओं में सुधार एवं जल संसाधनों का कुशल उपयोग, फसल कटाई के बाद भंडारण, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना है। साथ ही बताया कि योजना का दृष्टिकोण अल्प-प्रदर्शन वाले कृषि जिलों को विकास के केंद्र के रूप में परिवर्तित करना है, जबकि मिशन विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से कृषि उत्पादकता, आधारभूत संरचना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।
इस योजना के अंतर्गत 11 मंत्रालयों की विभिन्न योजनाओं जिनमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषि अवसंरचना कोष, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर तथा प्रधानमंत्री औपचारिक लघु खाद्य प्रसंस्करण इकाई योजना शामिल है जैसी कई प्रमुख योजनाओं को एकीकृत किया गया है। साथ ही कहा कि इस योजना के माध्यम से अभिसरण का उद्देश्य योजनाओं के दोहराव को समाप्त करना और एक समन्वित एवं परिणामोन्मुखी विकास ढांचा तैयार करना है।
उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों को कृषि एवं सहवर्ती गतिविधियों की विस्तृत जिला योजना तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिला की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर विशेष बल देते हुए ग्रामीण विकास पर केंन्द्रित कार्य योजनाएं निर्मित करने तथा बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित बनाने को भी कहा।
राहुल कुमार ने जिला बिलासपुर में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को जिला में एक मॉडल योजना के रूप में लागू करने के भी निर्देश दिए ताकि इस योजना के माध्यम से जिले के किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो और कृषि क्षेत्र आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ सके।



