मैडि़कल कॉलेज आरकेएस की बैठक में........
करोड़ों के ठेकों को रिव्यु करने के आदेश दिए कुछ फर्मो को दिए गए है ठेके
-कॉलेज प्रबंधन के अधिकारियों व गैर सरकार सदस्यों केबीच सीधे सीधे सवाल जवाब हुए।
नाहन,23 जुलाई : मेडिकल कॉलेज नाहन की करीब 2 साल बाद हुई रोगी कल्याण समिति की बैठक में कई लंबित मामले उठे जिनको लेकर कॉलेज प्रबंधन के अधिकारियों व गैर सरकार सदस्यों केबीच सीधे सीधे सवाल जवाब हुए। बैठक की अध्यक्षता कर रहे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सैजल, क्षेत्र के विधायक डा.राजीव बिंदल ने अधिकारियों कुछ मामलों को लेकर अपनाई जा रही कार्यप्रणाली के चलते क्लास ली और सालों से लटक रहे मसलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के आदेश भी दिए। कॉलेज प्रबंधन द्वारा करोड़ों सालाना कुछ फर्मो को दिए गए ठेकों को रिव्यु करने के आदेश दिए गए है। बताया जाता है कि सालों ये फर्मे क रोड़ों के ठेके ले रही है। जिनके ओपन टैंडर सालाना नही होते है।
बैठक में अस्पताल परिसर में चल रही रेड क्रॉस सोसाइटी की कैंटीन का मामला भी प्रमुखता से उठा इस मामले में अक्सर रेड क्रॉस सोसाइटी का हवाला देकर मामले को चलता किया जाता रहा है। लेकिन इस बार मेडिकल कॉलेज प्रबंधन प्रबंधन की ओर से मीटिंग में फैकेल्टी व अन्य स्टाफ के लिए उचित व्यवस्था करने के गुहार लगाई गौरतलब है कि कॉलेज परिसर में सालों बीत जाने के बाद भी आधुनिक सुविधा से लैस कोई कंटीन नही है जोकि कॉलेज की फैकेल्टी, यहां पढऩे वाले सैकड़ों छात्रों को गुणवत्ता के आधार पर खाने-पीने की सामग्री उपलब्ध करवा रही हो करवाती हो। आलम यह है कि फैकेल्टी अन्य स्टाफ के पास बैठकर लंच या डिनर करने की कोई जगह नहीं है।
मजबूरन दाएं बाएं बैठकर या खुले में में खाना पड़ता है। वॉशरूम की भी कोई व्यवस्था नहीं है छात्रों के आने वाले अभिभावक भी यहां वहां भटकने को मजबूर है। मीटिंग में दुकानों के लंबित लाखों रुपए किराए के वसूली को लेकर फिर से उठाया गया। जानकारी के अनुसार सालों से 13,08,129 लाख किराया लंबित पड़ा है। एक दुकानदार ने अपनी बकाया किराया जमा करा दिया है। जबकि 3 अन्य दुकानदारों ने अभी लाखों रुपए का भुगतान करना है। कॉलेज भवन के निर्माण को लेकर सड़क के किनारे बनी यह दुकाने कई साल पहले खाली करवा कर गिरा दी गई है। ऐसे में कॉलेज प्रबंधन के लिए लाखों रुपए की वसूली टेढ़ी खीर बनी है। बैठक में प्रबंधन ने बताया कि वसूली के लिए लीगल नोटिस दिए गए लेकिन इससे कुछ हाथ नहीं लगा है। किराए के मामले में कहा गया कि वसूली के लिए मामला अदालत में दायर किया जाए।
उधर अंबाला की कुछ फर्मो के लाखों रुपए के भुगतान का मामला अप्रुवल के लिए रखा गया। गौरतलब है कि इस मामले में बिना औपचारिकताएं पूरी किए संबंधित अधिकारी ने सालों पहले सामान की खरीद की थी। जिसके चलते 2,52,683 लाख के भुगतान का मामला आज तक अटका है। बैठक में बताया गया कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच हुई है। गैर सरकारी सदस्यों की तरफ से से शिकायत की गई किपूर्व में स्वास्थ्य मंत्री के आदेशों के बावजूद कॉलेज प्रबंधन ने आरकेएस आज तक कोई मीटिंग नहीं बुलाई ऐसे में अस्पताल में मामलों को लेकर कोई सुनवाई नहीं होती है प्रबंधन की मनमानी लगातार चलती है। स्वास्थ्य मंत्री ने एक बार फिर कॉलेज प्रबंधन से कहा कहा कि नियमित रूप से आरकेएस की मीटिंग बुलाई जाए ताकि कॉलेज में आने वाली समस्याओं का निराकरण मिलजुल कर किया जा सके।