करोड़ों का टैक्स चुकाने वाले ...... कालाअंब औद्योगिक क्षेत्र की प्रमुख सड़क हुई खस्ताहाल..... मुरम्मत के नाम पर डाला जा रहा है मलबा......
अरूण साथी
अक्स न्यूज लाइन ..नाहन 10 अगस्त - 2023
सरकारी खजाने में करोड़ों रूपये का टैक्स चुकाने वाले कालाअंब औद्योगिक क्षेत्र की प्रमुख सड़क लंबे अरसे से खस्ताहाल बनी है। आरोप है कि सड़क की मुरम्मत को लेकर उद्योगपतियों की मांग पर कोई सुनवाई नही हुई अब हाल ही में जब सड़क की मुरम्मत शुरू की गई तो सड़क में पड़े बड़े बड़े खडडों को बोल्डर से पाटने के बजाये इन खडडों को नाम पर ट्रलियों के मध्य से मलबा यह लाकर डाला जा रहा है जिसको जेसीबी की मदद से सीधा किया गया है। यह सड़क कई जगह से उपर नीचे है जहां अक्सर वाहन हिचकोले खाते निकलते है।
आरोप है कि क्षेत्र सड़क सड़क की हालत लंबे अरसे से खस्ताहाल बनी है। रही सही कसर भारी बारिश ने पिछले एक महीने से पुरी करके रख दी है। आज आलम यह है कि सड़क का अधिकतर गड्ढों में तब्दील हो चुका है हिचकोले खाते वाहन मुश्किल से निकल रहे यही सड़क आगे चलकर उत्तर भारत के दिव्य शक्ति पीठ महामाया बाला सुंदरी मंदिर त्रिलोकपुर के लिए आने वाले लाखों भक्तों द्वारा प्रयोग की जाती है।
मिली जानकारी के अनुसार उद्योगपतियों ने सड़क की मुरम्मत की आवाज उठाई तो संबंधित विभाग की तरफ से हमेशा की तरह सड़क के खडडों को मलबे से भरना शुरू कर दिया गया। यह सोचे बगैर कि जब बारिश होगी तो यह मलबा कीचड़ में तब्दील होक र आने जाने वाले वाहनों को खासतौर से पैदल चलने वालों को परेशान करेगा। गौरतलब है कि उद्योगपति सरकार को प्रति माह करोडों का राजस्व टैक्स के रूप में दे रहे हैं।
जबकि सरकार सुविधा के नाम पर क्या दे रही है इसका अंदाजा आसानी से कालाअंब से तिलोकपुर को जाने वाली औद्योगिक क्षेत्र के प्रमुख सड़क को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। मिली जानकारी के अनुसार देने वाले उद्योगपतियों की सुविधाऐं के नाम पर कोई सुनवाई विभाग नहीं करते। बीते दिन क्षेत्र के विधायक अजय सौंलकी ने भी चेंबर ऑफ कॉमर्स कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की बैठक में अधिकारियों से कहा कि वह औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं को निपटने के लिए अपनी इच्छा शक्ति से प्राथमिकता के आधार पर कार्य करें।
मीटिंग में उद्योगपतियों ने ने औद्योगिक क्षेत्र में पेश आ रही समस्याओं को लेकर विस्तार से चर्चा की लेकिन इसका हल क्या होगा यह तो संबंधित विभाग ही जाने लेकिन इस सड़क को लेकर ठोस योजना नही है। संबंधित विभागों के पास बजट ना होने का एक बड़ा बहाना होता है जबकि की औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए अलग से उद्योगपतियों से रकम अलग से ली जाती है।