उपायुक्त कुल्लू ने की राजस्व अधिकारियों के साथ कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता

उपायुक्त कुल्लू ने की राजस्व अधिकारियों के साथ कार्यों की प्रगति की समीक्षा  बैठक की अध्यक्षता

अक्स न्यूज लाइन कुल्लू 04 मार्च : 

उपायुक्त कुल्लू तोरुल एस रवीश ने आज  राजस्व अधिकारियों के साथ राजस्व विभाग के  कार्यों की प्रगति की समीक्षा  बैठक की अध्यक्षता  करते हुए कहा कि 2 साल से पुराने लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटान सुनिश्चित बनाये। उन्होंने कहा कि  तकसीम विशेषकर खानगी तकसीम, भूमि की निशानदेही व इंतकाल के मामलों को समय पर निपटारा  करें ताकि लोगों को राजस्व सम्बन्धी मामलों मे तहसील के चक्कर न काटने पड़े।


 उपायुक्त ने राजस्व रिकॉर्ड संबंधी   प्रविष्टियां को दुरुस्त करने के लिए भी तीव्रता से मामलों को निपटाना के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निशान देही के मामलों को सभी तहसीलदार व नायब तहसीलदार तीन महीने के भीतर प्राथमिकता के आधार पर निपटान करना सुनिश्चित करें।

उन्होंने इस संबंध में निर्देश देते हुए कहा कि हालांकि पार्टीशन  के जिन मामलों में अधिक पक्षकार हैं, उन मामलों को आदेश के स्तर तक पहुंचने में तीव्रता से कार्य करें ताकि इन मामलों में अधिक समय तक लंबित न रहे। उपायुक्त ने फौजदारी मुकदमों, ऑन रिकवरी के मामले में भी समयबद्ध निपटान सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि राजस्व लोक अदालत से पहले ही अधिकतर मामलों का निपटान सुनिश्चित करें ताकि राजस्व अदालत में कम से कम मामले पहुंच सके।

राहत संबंधी मुद्दे पर चर्चा करते हुए उन्होंने  निर्देश दिए की विशेष राहत पैकेज के अंतर्गत जिन लोगों की खाता सख्याओं को दुरुस्त करने की आवश्यकता है इस कार्य को शीघ्र अति शीघ्र करके राहत राशि जल्द से जल्द जारी करें तथा भूमि की क्षति के मामले में भी त्वरित रूप से कार्य करें। उन्होंने भूस्खलन से हुई क्षति के मामलों में अतिरिक्त सेल्फ से डंगे लगाने के लिए भी तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए ।

 उपायुक्त ने कृषि जनगणना, राजस्व रिकॉर्ड के कंप्यूटरीकरण के अंतर्गत जमाबंदियों को ऑनलाइन अपलोड करना पुराने तथा नए इंतकालों को ऑनलाइन करने के कार्यों को तेजी से अमली जामा पहनाने के निर्देश दिए ।

उन्होंने कहा कि यदि किसी तहसील अथवा सब तहसील के स्तर पर पटवार खाना तथा कानूनगो भवन के निर्माण अथवा मुरमत के लिए धन की आवश्यकता है तो शीघ्र ही रिवाइज्ड ऐस्टीमेट बनाकर भेजें ताकि इसी वित्त वर्ष के अंदर इसके लिए धन का प्रावधान किया जा सके तथा जिन भवनों के निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं उनका उपयोगिता प्रमाण पत्र इस कार्यलय को शीघ्र भेजे।