हिमाचलियों के लिए औद्योगिक इकाइयों में 80 प्रतिशत रोजगार सुनिश्चित करेगी सरकारः उद्योग मंत्री
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के युवाओं को लाभान्वित करने के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। सरकार द्वारा शुरू की गई कौशल विकास भत्ता योजना के अंतर्गत राज्य के 51,587 बच्चों को 22.90 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान किए गए हैं। इसी प्रकार, वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान अब तक बेरोजगारी भत्ता योजना के 18,404 लाभार्थियों को 16.83 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि राज्य के शत-प्रतिशत रोजगार कार्यालयों का डिजिटलीकरण कर दिया गया गया है और अब लोगों को पंजीकरण और नवीनीकरण की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध होगी जिससे उन्हें रोजगार कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेगें।
उद्योग मंत्री ने कहा कि निजी नियोक्ता अपने संगठनों में रिक्तियों का विवरण ‘ईमिस पोर्टल’ पर ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं। वर्तमान में 567 निजी संगठन इस पोर्टल पर पंजीकृत हैं।
उन्होंने विभाग को हिमाचल प्रदेश के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए राज्य में श्रम कानूनों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। प्रदेश में व्यापार में सुगमता बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब औद्योगिक इकाइयों को विभिन्न श्रम कानूनों के तहत पांच मैनुअल रिटर्न के बजाय एकल ऑनलाइन एकीकृत रिटर्न प्रस्तुत करना ही आवश्यक है। इसके अलावा, राज्य में प्रतिष्ठानों के ऑनलाइन पंजीकरण और नवीनीकरण करने की सुविधा भी शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि लोगों को विभिन्न सेवाएं समयबद्ध सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2011 के अंतर्गत 13 सेवाओं को शामिल किया गया है।
श्रम आयुक्त एवं रोजगार निदेशक मानसी सहाय ठाकुर ने उद्योग मंत्री को श्रम एवं रोजगार विभाग की पिछले एक वर्ष की उपलब्धियों से अवगत कराया। उप श्रम आयुक्त मनीष करोल, उप निदेशक रोजगार संदीप ठाकुर तथा राज्य के सभी जिलों के श्रम अधिकारी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।