उपायुक्त अमरजीत सिंह ने की ऐहतियात बरतने की अपील, लगातार बारिश के कारण जिले भर में हुआ नुक्सान

उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों से जिले के सभी क्षेत्रों मंे भारी बारिश हो रही है और ब्यास नदी के साथ-साथ जिले की सभी खड्डों एवं नालों के जल स्तर में भी भारी वृद्धि देखने को मिल रही है। कई स्थानों पर भूस्खलन, मकानों के क्षतिग्रस्त होने तथा सड़कों के अवरुद्ध होने की सूचनाएं भी मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि लगातार खराब मौसम को देखते हुए सभी जिलावासी विशेष ऐहतियात बरतें और नदी-नालों के पास न जाएं। भूस्खलन की आशंका वाले स्थानों से भी दूर रहें। भारी बारिश में घर से बाहर निकलने का जोखिम न उठाएं। खराब मौसम में पेड़ांे के नीचे आश्रय न लें तथा बिजली की तारों से सुरक्षित दूरी बनाएं रखें। ब्यास नदी के किनारे वाले क्षेत्रों के लोग नदी के पास न जाएं। उपायुक्त ने किसी भी आपातकालीन स्थिति में स्थानीय प्रशासन या जिला आपदा नियंत्रण कक्ष के टॉल फ्री नंबर 1077 अथवा दूरभाष नंबर 01972-221277 पर संपर्क करने की अपील भी की है।
उन्होंने बताया कि जिला एमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (डीईओसी) में प्राप्त सूचनाओं के अनुसार गत 24 घंटों के दौरान जिले भर में 22.55 लाख रुपये से अधिक के नुक्सान का अनुमान है। उन्होंने बताया कि इस मॉनसून सीजन में 20 जून के बाद जिला हमीरपुर में बारिश के कारण हो रहे नुक्सान का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस दौरान जिला हमीरपुर में सरकारी और निजी संपत्ति के नुक्सान का आंकड़ा 146 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। इस दौरान जिला में जल शक्ति विभाग को सर्वाधिक 75.23 करोड़ रुपये, लोक निर्माण विभाग को 64.80 करोड़, बिजली बोर्ड को 1.32 करोड़ और शिक्षा विभाग को 1.45 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। बागवानी विभाग ने विभिन्न फसलों को हुए 18.06 लाख रुपये और कृषि विभाग ने 1.15 लाख रुपये के नुक्सान की रिपोर्ट प्रेषित की है।
26 कच्चे मकान और एक पक्का मकान ध्वस्त होने से लगभग 47.15 लाख रुपये के नुक्सान का अनुमान है। 153 अन्य कच्चे मकानों और 14 पक्के मकानों को आंशिक रूप से क्षति पहुंची है, जिससे 96.76 लाख रुपये से अधिक का नुक्सान हुआ है। 24 अन्य भवनों को भी लगभग 9.72 लाख रुपये की क्षति पहुंची है। जिले भर में 103 डंगे गिरे हैं, जिनमें लगभग 92.36 लाख रुपये की क्षति हुई है। 207 गौशालाओं के ध्वस्त होने से लगभग 99.15 लाख रुपये का नुक्सान हुआ है।
उपायुक्त ने सभी विभागों के फील्ड अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में हुए नुक्सान की रिपोर्ट तुरंत भेजें, ताकि प्रभावित लोगों की मदद की जा सके।