हिमुडा ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को 100 अवासीय फ्लैट्स बनाने दी ऑफ र पर सरकार ने मारी कुंडली..... - गल्र्स-बॉयज हॉस्टल का निर्माण भी हो सकता है
अक्स न्यूज लाइन ..नाहन 28 मार्च 2023
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पिछले कई सालों से स्टाफ के लिए रिहायशी अपनी इमारतों कॉलेज में पढऩे वाले सैकड़ों एमबीबीएस छात्रों के लिए हॉस्टल बनाने का खाका बन रहा है। लेकिन जगह के अभाव के चलते ना तो अभी तक कॉलेज के स्टाफ के लिए रिहायशी इमारतें बन सकती हैं और ना ही हॉस्टल का निर्माण हुआ है। ऐसे में सालाना दो करोड़ से ज्यादा का बजट किराए पर ली गई इमारतों की एवज में खर्च करना पड़ रहा है। प्रबंधन के अनुसार हिमुडा ने यशवंत नगर में स्थित अपनी जमीन पर गत वर्ष कॉलेज प्रबंधन को 100 अवासीय फ्लैट्स बनाने कॉलेज के छात्रों के लिए अलग-अलग हॉस्टल बनाने बनाने की ऑफ र दी थी। लेकिन हिमुडा की इस ऑफर पर सरकार ने कुंडली मार रखी है। कॉलेज प्रबंधन ने हिमुडा की ऑफ र पर अनुमति के लिए पत्र सरकार को भेज है लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं।
गौरतलब है कि कॉलेज प्रबंधन को अपने सैकड़ों की संख्या में स्टाफ के लिए टाइप वन, टाइप टू, टाइप थ्री व टाइप फोर फ्लैट्स की जरूरत है। कॉलेज में पढऩे वाले सैकड़ों एमबीबीएस के छात्रों के लिए अलग से बॉयज एंड गल्र्स हॉस्टल की लड़की की दरकार भी है। यशवंत नगर जरजा में हिमुडा की 70-80 बीघा अपनीर जमीन है। जोकि की निजी क्षेत्र से सालों पहले करोड़ों रुपए में खरीदी गई थी लेकिन हिमुडा से लोगों ने न तो प्लाट खरीदने कोई खास तवज्जो दी और न ही हिमुडा इस पर अपने स्तर पर कौई निर्माण करवा सका है। ऐसे सालों पहले करोड़ों रूपए जमीन पर खर्च नेबावजूद कुछ हासिल नहीं हुआ।
हिमुडा की ऑफ र कॉलेज प्रबंधन के लिए भी फायदे का सौदा साबित हो सकता है क्योंकि कॉलेज प्रबंधन के पास पहले ही जमीन का टोटा पड़ा है। केंद्र द्वारा कॉलेज को दिए गए कई संस्थानों को भूमि उपलब्ध ना होने के कारण निर्माण नहीं करवाया जा सका है।
प्रबंधन के अनुसार उसके पास निजी क्षेत्र में गल्र्स बॉयज हॉस्टल के साथ 37 फ्लैट्स उपलब्ध है जिन पर सालाना 2,13,19,200 रूपए किराए का चुकाना पड़ रहा है। इसी कड़ी में 30 आवासीय भवन किराए पर लेने के लिए सरकार को भेजा पत्र भेजा गया है।
- बीते साल हिमुडा ने कॉलेज प्रबंधन को को यशवंत विहार क्षेत्र अपनी भूमि पर 100 अवासीय फ्लैट्स बनाने की ऑफ र दी थी। हिमुडा गल्र्स -बॉयज हॉस्टल बनाने को भी भी तैयार है। इस संबंध सरकार की अनुमति चाहिए इस मामले में फाइल सरकार को पूर्व में भेजी जा चुकी है। लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ। हिमुडा के जरिए लिए यह निर्माण करवाना आसान रहेगा क्योंकि कॉलेज के पास अपनी जमीन नहीं है अन्य कई भवन निर्माण के लिए अटके है। सरकार फैसला लेना चाहिए किराए के भवनों का सालाना दो करोड़ से ज्यादा चुकाना पड़ रहा है। हिमुडा को निर्माण के बजट उपलब्ध करवाया जा सकता है।
- डा. श्याम कौशिक, प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज नाहन