शीत लहर से बचाव के लिए परामर्श जारी
इस बारे जारी परामर्श के अनुसार कड़ाके की ठंड की स्थिति में अगर जरूरी न हो तो सुबह, शाम व रात के समय घरों में रहें। रात के समय में यात्रा करने से बचें। नियमित रूप से गर्म पानी का प्रयोग करें। घर के अंदर कोयले की अंगीठी तथा तेल के हीटर का प्रयोग न करें। कमरे के तापमान को बनाए रखें, गर्म कपड़ों का प्रयोग करें। शरीर की गर्माहट बनाए रखने के लिए घर से बाहर निकलते समय टोपी, जूतों, मफलर तथा दस्तानों का प्रयोग करें। घर में ठंडी हवा न आए, इसलिए दरवाजे व खिड़कियां बंद रखें तथा गीले कपड़ों को तुरन्त बदलें। मुंह तथा नाक को मास्क से कवर करें। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल व सब्जियों का प्रयोग करें। गर्म तरल पदार्थों का नियमित रूप से सेवन करें। बुजुर्गों, नवजात शिशुओं का विशेष ध्यान रखें।
हीटर, ब्लोअर, कोयले की अंगीठी आदि चलाते समय कमरे की खिड़की खोल कर रखें। सोने से पहले हीटर, ब्लोअर, अंगीठी आदि बंद कर लें। घर के अंदर बंद कमरों में कोयला न जलाएं तथा शराब का सेवन न करंे। अल्पताप या हाईपोथर्मिया की स्थिति में तुरंत चिकित्सीय सलाह लें। बर्फबारी वाले क्षेत्रों में घरों में पर्याप्त मात्रा में खाद्य वस्तुओं, पानी, निर्धन, बैटरी चार्ज, आपातकालीन प्रकाश तथा साधारण दवाओं की किट तैयार रखें।
जारी परामर्श के अनुसार रेडियो, टीवी, समाचार पत्रों व सोशल मीडिया में समय-समय पर मौसम विभाग द्वारा जारी शीतलहर की संभावना के दौरान बचाव के उपायों पर ध्यान दें। मौसम की जानकारी तथा आपातकालीन प्रक्रिया की जानकारी का बारीकी से पालन करें तथा शासकीय एजेंसियों की सलाह पर कार्य करें।
किसी भी आपात स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के जिला नियंत्रण कक्ष में 1077, 01905-226201, 202, 203, 204 पर सम्पर्क कर किया जा सकता है।