ऊर्जा मंत्री ने उज्जवल भारत, उज्जवल भविष्य कार्यक्रम के सम्बन्ध में आयोजित वर्चुअल बैठक में लिया भाग

ऊर्जा मंत्री ने उज्जवल भारत, उज्जवल भविष्य कार्यक्रम के सम्बन्ध में आयोजित वर्चुअल बैठक में लिया भाग

नाहन 18 जुलाई - जिला सिरमौर के सभी राशन कार्ड धारक 15 अगस्त 2022 तक ईकेवाईसी करवाना सुनिश्चित करें। यह अपील उपायुक्त सिरमौर रामकुमार गौतम ने की।
उपायुक्त ने बताया कि जिला में अब तक लगभग 42 प्रतिशत लाभार्थियों की ईकेवाईसी का कार्य पूर्ण कर लिया गया है जबकि 58 प्रतिशत लाभार्थी अभी शेष हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल राशन कार्ड धारकों को बिना ईकेवाईसी के राशन वितरण किया जा रहा है, जबकि आगामी समय में राशन के लिए केवाईसी अनिवार्य होगा। 
उपायुक्त ने जिला वासियों से अपील करते हुए कहा है कि वह स्वेच्छा से सामाजिक दायित्व निभाते हुए अपने सभी सदस्यों के ईकेवाईसी करवाने में अपना सहयोग दें और इस कार्य को समय पर निपटाने में अहम भूमिका निभाए। उन्होंने बताया कि यदि जिला सिरमौर का कोई भी उपभोक्ता किसी भी अपरिहार्य कारणों से जिला से बाहर है तो वह हिमाचल प्रदेश में कार्यरत किसी भी निकटतम उचित मूल्य की दुकान में अपना ईकेवाईसी करवा सकता है।
इसके अतिरिक्त इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस पर जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले कार्यालय के दूरभाष नंबर 01702 222558 पर संपर्क कर सकते हैं।

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राज्यपाल ने डॉ. अम्बेडकर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के हिमाचल चैप्टर का शुभारम्भ किया

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आश्वासन दिया कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में डॉ. भीमराव अम्बेडकर के नाम से एक उद्यमिता केंद्र स्थापित किया जाएगा ताकि युवाओं में उद्यमिता का विकास हो सके।
यह बात राज्यपाल ने आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में एक जागरूकता कार्यक्रम और डॉ. अम्बेडकर चेम्बर ऑफ कॉमर्स (डीएसीसी) के स्टेट चैप्टर के शुभारंभ के अवसर पर कही।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए कार्य किया और उनके विचार मानव जाति के कल्याण और उत्थान के लिए समर्पित थे। उन्होंने जीवन में बहुत दुख सहे लेकिन उन्होंने इसमें व्यक्ति विशेष की अपेक्षा परिस्थितियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि वह समाज सुधारक थे और उन्होंने समाज में व्याप्त बुराइयों को उजागर किया। बाबा साहेब के विचार प्रेरणादायक हैं और उनके विचारों को सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता। प्रत्येक व्यक्ति उनका अनुसरण कर सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि आज के युवाओं को हमें दूसरों को भी नौकरी के अवसर प्रदान करने वाला बनाना है। इसका जबाव हमें डीएसीसी के शिमला चेप्टर में मिल सकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी शिक्षा प्रणाली को भी उस दिशा में आगे बढ़ाना चाहिए जहां युवा रोजगार प्रदाता बन सकें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी इस पर विशेष बल दे रही है। उन्होंने राज्य में उद्यमिता सृजन करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने डीएसीसी के हिमाचल चैप्टर की संकल्पना का विमोचन किया।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेंद्र कश्यप ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से जुड़ी पुरानी यादों को सांझा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने विकास का एक लम्बा सफर तय किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के दुर्गम क्षेत्रों और ग्रामीण पृष्ठभूमि के विद्यार्थी कड़े संघर्ष के बाद यहां पढ़ने आते थे। 
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में केंद्र और राज्य सरकारों ने अनेक कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं, जिन्हें धरातल पर उतारने की आवश्यकता है। उन्होंने शिक्षा के प्रचार पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी पाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि उद्यमिता की ओर भी बढ़ने की आवश्यकता है।
डॉ. अम्बेदकर चैंबर ऑफ कॉमर्स के महानिदेशक इंद्र इकबाल सिंह अटवाल ने हिमाचल चैप्टर की स्थापना के लिए राज्यपाल और विश्वविद्यालय का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि डीएसीसी का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक जिले में उद्यमिता विकास को बढ़ावा देना है।
इससे पहले, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के कुलपति डॉ. सत प्रकाश बंसल ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में डीएसीसी के हिमाचल चैप्टर की स्थापना से डॉ. अम्बेडकर के सामाजिक न्याय, गरीबों के उत्थान और आर्थिक सुधारों के मिशन को पूरा करने में सहयोग मिलेगा।
डीएसीसी के नोडल अधिकारी प्रो. श्याम लाल कौशल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. ज्योति प्रकाश, अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. कुलभूषण चंदेल, रजिस्ट्रार बलवान चंद, और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।