व्यंग्य लेखक प्रभात कुमार की नई किताब हमारे संज्ञान में नहीं आया है पुस्तक का लोकार्पण
नाहन, 28 अगस्त : व्यंग्य लेखक, वरिष्ठ नागरिक प्रभात कुमार की नई किताब हमारे संज्ञान में नहीं आया है का लोकार्पण कार्यक्र म आयोजित किया गया। समाजसेवी प्रोफेसर अमर सिंह चौहान ने अपने कई दशकों के अनुभव से सन्दर्भ उठाकर प्रभात कुमार के रचनाकर्म व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। पूर्व प्राचार्य अनुपमा शर्मा ने अपने सम्बोधन में विमोचित पुस्तक की रचनाओं और लेखन शैली को सशक्त व प्रभावशाली बताया। पुस्तक के लेखक की रचनाओं की संजीदा पाठक, शिवाली ने समग्र रचनाओं पर सारगर्भित टिप्पणी की। कार्यक्रम के समापन पर प्रभात कुमार ने व्यवस्था को व्यवस्थाजी व राजनीति को राजनीतिजी संबोधित करते हुए चुटीली व्यंग्यात्मक टिपण्णी की व किताब के अंश पढ़े। कार्यक्रम का मंच रितु भारद्वाज ने किया। समारोह ने कई परम्पराएं तोडऩे का काम किया। राजनीतिक, गणमान्य कार्यक्रम का मुख्यअतिथि नहीं था। कार्यक्र म में बुकेए मोमेंटो या हार इत्यादि भेंट नहीं किए गए। सिर्फ व्यंग्य संग्रह पर केन्द्रित इस कार्यक्रम में प्रभात कुमार ने विरली शुरुआत करते हुए अपनी तीसरी किताब का विमोचन, जीवन संगिनी संतोष उत्सुक से करवाया। उल्लेखनीय है प्रभात अपना अधिकांश लेखन संतोष उत्सुक नाम से करते हैं। आयोजन में वास्तविक पर्यावरण प्रेम भी दिखा। कार्यक्रम का बैनर कपड़े पर कागज़ से काटे अक्षर चिपकाकर बनाया गया। चाय इत्यादि में सिंगल यूज़
प्लास्टिक प्रयोग नहीं किया गया। प्रभात कुमार के कई मित्रों ने उनकी किताब खरीद कर शहर में नई शुरुआत की।